अजमेर की वह सभा, जिसमें आडवाणी ने वसुंधरा को भावी मुख्यमंत्री कहा |
खाचरियावास में वसुंधरा छायी रहीं, चौटाला ने कहा भावी मुख्यमंत्री
सीकर जिले के खाचरियावास गांव में पूर्व उप राष्ट्रपति स्व. भैरोंसिंह शेखावत की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में प्रतिपक्ष की नेता श्रीमती वसुन्धरा राजे छाई रहीं। कई नेताओं ने उनकी तारीफ में जम कर कशीदे काढ़े। विशेष बात ये रही कि श्रीमती राजे के भाषण के दौरान सबसे ज्यादा तालियां बजीं। पांडाल में या तो भैरोंसिंह शेखावत अमर रहे के नारे लगे, या फिर वसुन्धरा राजे जिन्दाबाद-जिन्दाबाद। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने तो श्रीमती राजे को राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री ही बता दिया। हां, अलबत्ता पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने जरूर अपनी जुबान को लगाम दी। उन्होंने वसुंधरा की तारीफ में तो कोई कसर बाकी नहीं रखी, मगर उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताने के मामले में कंजूसी बरत गए। वे सिर्फ यह बोल कर रह गए कि वसुन्धरा लोकप्रिय जन नेता हैं। वे आज भी उतनी ही लोकप्रिय हैं, जितनी वे मुख्यमंत्री के समय थी। उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। वसुन्धरा ने अटल जी की सरकार में विदेश मंत्री के रूप में बहुत अच्छा काम किया था। इसलिये वे उस वक्त भी लोकप्रिय थीं और आज भी हैं।
उनकी यह कंजूसी इस कारण उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जब वे रथयात्रा ले कर अजमेर आए थे तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वसुंधरा राजे ही भावी मुख्यमंत्री होंगी। उनके इसी बयान पर बाद में विवाद हुआ और भाजपा के दो दिग्गजों गुलाब चंद कटारिया व ललित किशोर चतुर्वेदी ने साफ कहा कि पार्टी ने इस प्रकार का कोई निर्णय नहीं किया है। अर्थात वे उन्हें सर्वसम्मत नेता मानने को तैयार नहीं हैं। इस मसले को लेकर पार्टी के अंदर आग सुलगती रही और जैसे ही गुलाब चंद कटारिया ने मेवाड़ अंचल में यात्रा निकालने की घोषणा की तो भाजपा महासचिव श्रीमती किरण माहेश्वरी ने उसका विरोध कर दिया। यह विवाद इतना तूल पकड़ गया कि वसुंधरा राजे ने यात्रा के सिलसिले में जयपुर में आयोजित कोर कमेटी में कटारिया का पलड़ा भारी देख कर बहिष्कार कर दिया और प्रदेश के अधिसंख्य भाजपा विधायकों व कई भाजपा नेताओं के इस्तीफे इक_े कर हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि यह स्पष्ट रूप से घोषित किया जाए कि उन्हीं के नेतृत्व में राजस्थान में भाजपा चुनाव लड़ेगी और सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भी वे ही होंगी। इस मसले पर हाईकमान अभी विचार कर रहा है और इस प्रकार की घोषणा करने से पहले फूंक फूंक कर कदम रख रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने जरूर श्रीमती राजे को राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री बताया और कहा कि उनके रास्ते में अब कोई रुकावट नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्रीमती राजे को करिश्माई नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने राजस्थान में बहुत अच्छा काम किया। वे राजमाता साहब की बेटी है, इसलिये मेरे लिये भी वे बेटी के समान हैं। वसुन्धरा जी ने मुझे हमेशा सम्मान दिया। पंजाब में जब-जब भी हमें जरूरत पड़ी लड़ाई में वसुन्धरा जी हमारे साथ रहीं।
बहरहाल, गौर करने लायक बात ये है कि समारोह स्वर्गीय शेखावत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित किया गया था, उन्हें तो स्वाभाविक रूप से श्रद्धा सुमन अर्पित किए ही गए, मगर इस प्रसंग में आए नेता वसुंधरा की वंदना करने से नहीं चूके।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
सीकर जिले के खाचरियावास गांव में पूर्व उप राष्ट्रपति स्व. भैरोंसिंह शेखावत की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में प्रतिपक्ष की नेता श्रीमती वसुन्धरा राजे छाई रहीं। कई नेताओं ने उनकी तारीफ में जम कर कशीदे काढ़े। विशेष बात ये रही कि श्रीमती राजे के भाषण के दौरान सबसे ज्यादा तालियां बजीं। पांडाल में या तो भैरोंसिंह शेखावत अमर रहे के नारे लगे, या फिर वसुन्धरा राजे जिन्दाबाद-जिन्दाबाद। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने तो श्रीमती राजे को राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री ही बता दिया। हां, अलबत्ता पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने जरूर अपनी जुबान को लगाम दी। उन्होंने वसुंधरा की तारीफ में तो कोई कसर बाकी नहीं रखी, मगर उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताने के मामले में कंजूसी बरत गए। वे सिर्फ यह बोल कर रह गए कि वसुन्धरा लोकप्रिय जन नेता हैं। वे आज भी उतनी ही लोकप्रिय हैं, जितनी वे मुख्यमंत्री के समय थी। उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। वसुन्धरा ने अटल जी की सरकार में विदेश मंत्री के रूप में बहुत अच्छा काम किया था। इसलिये वे उस वक्त भी लोकप्रिय थीं और आज भी हैं।
उनकी यह कंजूसी इस कारण उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जब वे रथयात्रा ले कर अजमेर आए थे तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वसुंधरा राजे ही भावी मुख्यमंत्री होंगी। उनके इसी बयान पर बाद में विवाद हुआ और भाजपा के दो दिग्गजों गुलाब चंद कटारिया व ललित किशोर चतुर्वेदी ने साफ कहा कि पार्टी ने इस प्रकार का कोई निर्णय नहीं किया है। अर्थात वे उन्हें सर्वसम्मत नेता मानने को तैयार नहीं हैं। इस मसले को लेकर पार्टी के अंदर आग सुलगती रही और जैसे ही गुलाब चंद कटारिया ने मेवाड़ अंचल में यात्रा निकालने की घोषणा की तो भाजपा महासचिव श्रीमती किरण माहेश्वरी ने उसका विरोध कर दिया। यह विवाद इतना तूल पकड़ गया कि वसुंधरा राजे ने यात्रा के सिलसिले में जयपुर में आयोजित कोर कमेटी में कटारिया का पलड़ा भारी देख कर बहिष्कार कर दिया और प्रदेश के अधिसंख्य भाजपा विधायकों व कई भाजपा नेताओं के इस्तीफे इक_े कर हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि यह स्पष्ट रूप से घोषित किया जाए कि उन्हीं के नेतृत्व में राजस्थान में भाजपा चुनाव लड़ेगी और सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भी वे ही होंगी। इस मसले पर हाईकमान अभी विचार कर रहा है और इस प्रकार की घोषणा करने से पहले फूंक फूंक कर कदम रख रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने जरूर श्रीमती राजे को राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री बताया और कहा कि उनके रास्ते में अब कोई रुकावट नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्रीमती राजे को करिश्माई नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने राजस्थान में बहुत अच्छा काम किया। वे राजमाता साहब की बेटी है, इसलिये मेरे लिये भी वे बेटी के समान हैं। वसुन्धरा जी ने मुझे हमेशा सम्मान दिया। पंजाब में जब-जब भी हमें जरूरत पड़ी लड़ाई में वसुन्धरा जी हमारे साथ रहीं।
बहरहाल, गौर करने लायक बात ये है कि समारोह स्वर्गीय शेखावत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित किया गया था, उन्हें तो स्वाभाविक रूप से श्रद्धा सुमन अर्पित किए ही गए, मगर इस प्रसंग में आए नेता वसुंधरा की वंदना करने से नहीं चूके।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com
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