वन्दे मातरम दोस्तों,
वादा जो तोड़ दे ऐसे यार हम नही,
ये बात अलग है कि तेरा प्यार हम नही,
हर हाल में हर हाल ही खुश रहते हैं सदा,
पतझड़ में चली जाए वो बहार हम नही,
माना की आज चार सू आस्तीनों में सांप हैं,
पीठ में खंजर गढाए गद्दार हम नही,
गंगा की तरह से अटल मेरा उफान है,
तेरे रोकने से रुके वो रफ्तार हम नही,
तेरी नौकरी से पेट पलता जानते हैं हम,
गला गरीब का काटे वो हथियार हम नही,
नौनिहाल तेरे राज भूखे पेट सोते है,
भूखा रखे क्यों महंगाई की मार हम नही,
सोती हुई जवानियों अंगड़ाइयाँ तो लो,
ये भागेगे कहेंगे माफ़ करो सरकार हम नही,
सलीब पर चढ़ा के हमे खुश तो बहुत हो,
"लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही"
वादा जो तोड़ दे ऐसे यार हम नही,
ये बात अलग है कि तेरा प्यार हम नही,
हर हाल में हर हाल ही खुश रहते हैं सदा,
पतझड़ में चली जाए वो बहार हम नही,
माना की आज चार सू आस्तीनों में सांप हैं,
पीठ में खंजर गढाए गद्दार हम नही,
गंगा की तरह से अटल मेरा उफान है,
तेरे रोकने से रुके वो रफ्तार हम नही,
तेरी नौकरी से पेट पलता जानते हैं हम,
गला गरीब का काटे वो हथियार हम नही,
नौनिहाल तेरे राज भूखे पेट सोते है,
भूखा रखे क्यों महंगाई की मार हम नही,
सोती हुई जवानियों अंगड़ाइयाँ तो लो,
ये भागेगे कहेंगे माफ़ करो सरकार हम नही,
सलीब पर चढ़ा के हमे खुश तो बहुत हो,
"लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही"
bahot shandar alfaz !!
ReplyDeleteMain apki awaaz ko share karna pasand karunga...
-Kumar Sudhindra