4.6.12

यानि गहलोत ने ही चुप कराया रूपाराम डूडी को

तबादलों को लेकर पंचायतराज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय पर गंभीर आरोप लगाने के बाद डीडवाना के कांग्रेस विधायक रूपाराम डूडी का पलट जाना और यह कहना कि उन्होंने रुपए लेने का आरोप नहीं लगाया था, वाकई चौंकाने वाला है। साफ नजर आता है कि भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद सरकार व संगठन में हुई खलबली के बाद डूडी को मजबूर किया गया है कि वे अपने बयान को पटल दें। चूंकि यह मसला संगठन से जुड़ा हुआ नहीं है, इस कारण साफ तौर समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही उन पर दबाव बनाया होगा कि अपने बयान को वापस लें। और चूंकि डूडी ऐसा बयान दे चुके थे, इस कारण वे जाहिर तौर पर मीडिया के सामने बयान कैसे पलट सकते थे, सो आखिरकार इसका यही रास्ता निकाला गया कि वे मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस प्रकार के आरोपों को खंडन करें। मगर अफसोस कि उन्होंने जो बयान दिए वे दैनिक भास्कर के संवाददाता ने रिकार्ड कर लिए थे और उन्हें हूबहू छाप भी दिया, ऐसे में उनका झूठ पकड़ा गया।
हालांकि डूडी के आरोप मौखिक हैं, जिन्हें कि संयोग से रिकार्ड कर लिया गया, मगर इससे सरकार और मंत्रियों के कामकाज की तो पोल खुलती ही है। इसकी गंभीरता विशेष रूप से तब और बढ़ जाती है जब कि संगठन और सरकार के बीच तालमेल का अभाव है व सरकार के कामकाम पर संगठन के पदाधिकारी सवाल उठाते रहे हैं। कई विधायक भी सरकार के कामकाज से नाराज हैं। वे लगातार कांग्रेस हाईकमान को शिकायत कर रहे हैं। हाल ही छह असंतुष्ट विधायकों ने कैबिनेट मंत्री अशोक बैरवा के घर की बैठक कर अपने असंतोष का इजहार किया। वहां कांग्रेस विधायक सी एल प्रेमी ने कहा था कि विधायक बनने बाद भी जब परिवार के काम ही नहीं होते हैं तो दुख होता है। मेरी बेटी के तबादले के मामले में मुख्यमंत्री से 10 विधायक मिले थे, वे चाहते तो यह काम कर सकते थे। यह मामला मुकुल वासनिक के यहां भी उठा। हम तो यही चाहते हैं कि विधायकों के काम हों और उन्हें वाजिब सम्मान मिले। असंतुष्ट विधायक उदयलाल आंजना ने कहा कि असंतुष्ट कोई व्यक्तिगत काम लेकर शिकायतें नहीं कर रहे हैं। हम क्षेत्र की समस्याएं सुलझाने और जनता के काम होने की आवाज उठा रहे हैं। अब राजनीति में हैं तो जनता के काम भी होते हैं और व्यक्तिगत काम भी। अब घर के काम भी नहीं करा सके तो फिर क्या मतलब है? विधायक दौलतराज नायक, गंगासहाय शर्मा, गंगाबेन गरासिया, रामलाल मेघवाल आदि ने भी इसी प्रकार की शिकायतें कीं। स्वयं बैरवा ने भी कहा कि हमारे विधायकों में नाराजगी है। कार्यकर्ताओं के काम होने चाहिए, यह विधायकों की भी पीड़ा है और हमारी भी। 25-30 विधायकों की नाराजगी पार्टी में बहुत बड़ा मामला है। ऐसे में जब डूडी ने सीधे मंत्री व उनकी पत्नी पर ही रुपए लेने के आरोप लगा दिये तो गहलोत सकते में आ गए। डूडी के बयान से इन आरोपों की पुष्टि हो गई कि मंत्री न तो कार्यकर्ताओं के काम करते हैं और न ही विधायकों की सुनते हैं। गहलोत समझ गए कि यह मसला उन्हें भारी पड़ सकता है। एक ओर जहां हाईकमान इसे गंभीरता से लेगा, वहीं विपक्षी दल भाजपा भी हमले का मौका नहीं छोड़ेगा, सो तुरत फुरत में उनसे बयान का खंडन करवाने के लिए उनके नाम से पत्र लिखवा लिया गया। गहलोत को भले ही इस मामले में सफलता हासिल हो गई हो, मगर जैसे हालात हैं और पार्टी के विधायकों में जिस प्रकार नाराजगी बढ़ रही है व बगावत की सी नौबत आने लगी है, वह उनके लिए कभी बड़ी परेशानी का सबब बन सकती हैं।
भास्कर के पास रिकार्ड वह बयान, जिसकी वजह से मची सरकार में खलबली
...हालात बड़े खराब हैं जी। झगड़ा कोई हुआ ही नहीं। मंत्री कल भी गायब था। आज भी यही स्थिति है। कल कह दिया सीकर चले गए, हमने सीकर एसपी से पता किया, पीएचक्यू से पता किया तो मंत्री वहां गया ही नहीं। (अपशब्द...) अंदर बैठा था पूरे दिन, बड़े शर्म की बात है। कांग्रेस विधायक और आम आदमी यदि मंत्री के घर जाता है तो संतोषजनक जवाब तो दे कम से कम। भाई, जैसी भी व्यवस्थाएं हैं जो भी हैं, इस तरह से करके... कांग्रेस विधायक क्या, किसी से भी नहीं करते बात। इनके (मंत्री के) तो चोरी के अलावा कोई काम नहीं है।...विकास अधिकारी के ट्रांसफर हुए उनमें खुलेआम 2-2 लाख, 3-3 लाख रुपए लेकर ट्रांसफर कर दिए। मेड़ता का उदाहरण बता दूं...। मेड़ता के प्रधान ने ढाई लाख रुपए देकर वहां विकास अधिकारी लगाया है। इसी तरह नागौर का एक विकास अधिकारी था, उसे हटाया...उसकी शिकायत थी। 40 सरपंच कल आए थे हमारे पास नागौर से। 40 सरपंच मैं बताऊं, वहां सीएमओ में पेश हुए, फिर उनसे बात होने के बाद एपीओ किया, हाथों हाथ फिर करौली लगाया। इसके बाद रातोंरात वहां दूसरा विकास अधिकारी लगा दिया। प्रजातंत्र है। (...अपशब्द), सब एमएलए वोट लेके ही तो आते हैं, मां के पेट से तो कोई मंत्री बनकर पैदा होता नहीं। ये बातें हैं। कल सीएम साहब से बात करूंगा, पूरा मामला बताऊंगा, ऐसे मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।

-तेजवानी गिरधर
7742067000
tejwanig@gmail.com

No comments:

Post a Comment