पहली स्वतंत्र संस्था है मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड :
चूँकि कोई भी देश कानून और संविधान से चलता है और जाहिर सी बात है देश के अंदर रहने वाले सभी नागरिक इसी कानून का पालन करते है लेकिन भारत के अजीबोगरीब देश है यहाँ पर शादी के लिए जो उम्र हमारे कानून में है वो लडकियों के लिए कम से कम 18 और लडको के लिए कम से कम 21 है लेकिन ये कानून देश के अंदर रह रहे मुस्लिमो पर लागु नहीं होता मुस्लिम लडकियो की शादी 15 साल पर भी हो सकती है भले ही इस उम्र में वो शादी का मतलब भी न समझती हो लेकिन वो ऐसा कर सकते है धर्म के आधार पर कानून बनाने का ये अनूठा तरीका है और इसी बात का फायदा उठा के सुनने में आया है की चूँकि मुस्लिम धर्म में खून का खास महत्व है इसी लिए हर धार्मिक उत्सव में वो किसी न किसी जानवर को काटते ही है इस लिए सरकार विचार कर रही है की हर एक मुस्लिम को 3 खून करने की आज़ादी हो जिस से की उनकी धार्मिक स्वतंत्रता बनी रहे और भारतीय संविधान जिसके अनुसार यहाँ पर सभी धर्मो को अपने धार्मिक कार्यो पर आज़ादी मिलनी चाहिये वाली धारा सच हो सके................................
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