भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
24.7.12
जिन चरागों में लोग जलते थे नुमाईश नुमाईश की तरह ...
हम जले उन्ही चरागों में गुमनामों की तरह ..........
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