1.9.12


जितने करीब आए, उतने हो दूर अब तुम
ये क्या नशा चढ़ा है, जिसमें हो चूर अब तुम
आओ पिलाएंगे हम अमृत की चन्द बूंदें
पहले तो तुम नहीं थे, जितने हो क्रूर अब तुम
-कुंवर प्रीतम
31 अगस्त 2012

No comments:

Post a Comment