महंगाई की रफ्तार भी
गजब की है...किसी भी चीज पर चढ़ बैठती है...और ऐसा भागती है कि पूछो मत...रूकने का
नाम ही नहीं लेगी मुई। इतनी निरंतरता और तेजी से बढ़ती है कि कमबख्त सोचने का वक्त
ही नहीं मिलता...बस कुछ सामान खरीदने बाजार जाते हैं तो महंगाई को कोसते रहते हैं
ओर सत्ता में बैठे लोगों को। जब
किसी चीज के दाम बढ़ते हैं या फिर बढ़ने की ख़बर आती है तो लोगों का खून खौल उठता
है...और याद आता है पीपली लाइव फिल्म का महंगाई पर बना मशहूर गाना “महंगाई डायन खाए जात है” एक बार फिर से डीजल
और रसोई गैस के दाम बढने की खबर ने इस बेचैनी को और बढ़ा दिया है। पेट्रोलियम
मत्री जयपाल रेड्डी साहब तो 5 दिनों में ही अपनी जुबान से पलट गए...7 सितंबर 2012
को रेड्डी साहब बयान देते हैं कि फिलहाल बहुत जल्दी पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और
रसोई गैस के दाम नहीं बढ़ने जा रहे हैं...लेकिन 11 सितंबर 2012 को वे कहते हैं कि दाम बढ़ना तो तय है। खैर दाम तो देर सबेर बढ़ेंगे
ही...पहले ज्यादा बढ़ेंगे फिर विरोध के स्वर उठेंगे तो तय रणनीति के तहत मामूली
कमी कर दी जाएगी...लेकिन दाम तो बढ़ेंगे ये तय है। अब तो लोगों को आदत सी हो गयी
है...इस सब की...वैसे भी कौन सा इस सब पर बस चलता है उनका। बढ़ती महंगाई के अनवरत
सिलसिले के बीच ऐसा लगता है कि महंगाई से दौड़ में कोई जीत ही नहीं सकता...लेकिन
हमारे देश में एक जमात ऐसी भी है जो महंगाई क्या अच्छी अच्छी चीजों को पीछे छोड़
देती है। और कौन हमारे देश के राजनेता...इनकी संपत्ति के बढ़ने की गति इतनी तेज है
कि महंगाई उससे कोसों पीछे रह जाती है। जिस तरह से हमारे राजनेताओं को संपत्ति में
दिन दोगुना रात चौगुना ईजाफा हो रहा है...उससे तो यही जाहिर होता है कि इस दौड़
में उनसे आगे निकलने का माद्दा किसी में नहीं है...फिर ये महंगाई क्या चीज है।
दिमाग पर ज्यादा जोर डालने की जरूरत नहीं है...कुछ ही दिन पहले चले जाइये...जब
पीएमओ की वेबसाइट से खुलासा हुआ कि हमारे प्रधानमंत्री समेत उनके मंत्रिमंडल
सहयोगियों की संपत्ति में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है। सिर्फ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
की अगर बात करें तो एक साल में उनकी संपत्ति दोगुनी हो गयी है। बीते साल उनकी
संपत्ति जहां करीब 5 करोड़ रूपए थी...वो अब बढ़कर करीब 11 करोड़ हो गयी है। कैबिनेट
मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने तो सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए...उनकी संपत्ति की कीमत
करीब 52 करोड़ रूपए बतायी गयी है...जबकि एक और कैबिनेट मंत्री शरद पवार की संपत्ति
करीब 22 करोड़ रूपए और पी चिंदबरम की संपत्ति करीब 12 करोड़ है। ये सिर्फ कुछ नाम
है। प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में कई ऐसा करोड़वीर हैं...जिनकी संपत्ति उन्हें
इस तमगे का सही हकदार बना देती है। वैसे मनमोहन सिंह के एक सहयोगी ऐसे भी हैं
जिन्हें ये तमगा हासिल करने में फिलहाल देर लग रही है...वेबसाईट कहती है कि रक्षा
मंत्री ए के एंटोनी के पास सिर्फ 55 लाख रूपए की संपत्ति है। निरंतर बढ़ती महंगाई
के इस दौर में करोड़वीर का ये तमगा हमारे अधिकतर सांसदों और राज्यों की विधानसभा
के विधायकों पर भी एकदम फिट बैठता है...बस मुंह चिढ़ाता है तो देश की गरीब जनता तो
जिसे दो वक्त तक की रोटी मयस्सर नहीं है...और ऊपर से बढ़ती महंगाई ने उसके मुंह से
वो निवाला भी छीन लिया है।
deepaktiwari555@gmail.com
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