भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
17.11.12
हम भी चुप
* हम भी चुप
आखिर बात क्या है
तुम भी चुप |
* तनाव में हूँ
कारण कुछ नहीं
अकारण ही |
* मैं दुनिया के
पाखण्ड देखता हूँ
सन्न होता हूँ |
* बिना त्याग के
मिलता नहीं कुछ
फल तो दूर |
* परेशान हूँ
अनिवार्य चिंतन
दुखद होता |
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