7.11.12


बंदूकों के साये में शुरू हुआ पेंच परियोजना का काम
मेघा पाटकर की गयी नजरबंदःतीन साल से ठेकेदार काम नहीं कर पा रहा थाःएस.ए.एफ. की आठ कंपनी लगायी गयीं  
सिवनी । छिंदवाड़ा और सिवनी जिले की अति महत्वाकांक्षी पेंच सिचायी परियोजना के बांध का लंबे समय से लंबित काम अंततः चालू हो गया हैं।  वैसे तो पेंच परियोजना बीसों साल से राजनैतिक पेंचों में उलझ कर रह गयी थी। लेकिन आडवानी जी के छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सार्वजनिक मंच से यह घोषणा की थी कि कोई माई का लाल पेंच परियोजना के काम को नहीं रोक पायेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद भी प्रशासनिक सहयोग ना मिलने के कारण मात्र चंद किसानों के विरोध के चलते ठेकेदार काम ही नहीं कर पा रहा था और आइडियल चार्ज के रूप में एक लंबी राशि वह सरकार से लेने का हकदार बन गया था।
पूरे लाव लश्कर के साथ बांध स्थल पर ठेकेदार के आ जाने के बाद भी वह लगभग तीन साल से काम चालू नहीं कर पा रहा था। बताया जा रहा हैं कि ठेकेदार ने इस मामले में कोर्ट जाने की जब बात की तो प्रदेश के मुख्य सचिव के हस्तक्षेप से यह व्यवस्था की गयी हैं भारी पुलिस बल की उपस्थिति में काम चालू कराया जाये। इसी के चलते स्थानीय पुलिस बल के अलावा आठ एस.ए.एफ. की कंपनियां भी तैनात की गयीं हैं।
काम चालू होने की भनक लगते हैं विरोध करने वाले स्थानीय नेताओं के अलावा मेघा पाटकर भी छिंदवाड़ा पहुंच गयीं हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने उन्हें नजर बंद कर लिया हैं।
यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि दोनो जिलो के 242 गांवों की 63777 हेक्टेयर भूमि इस योजना से सिंचित होगी। इसके साथ ही 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा। इससे दोनों जिलों के हजारों किसान लाभान्वित होगें।
उल्लेखनीय हैं इससे प्रभावित होने वाले किसानो का 2006 एवं 2009 में मुआवजा दे दिया गया हें तथा किसानों की मांग पर 2011.2012 की नई गाइड लाइन के अनुसार भी मुआवजा तय कर दिया गया हैं जिसे मात्र बाम्हनवाड़ा गांव के किसानों को छोड़कर सबने ले भी लिया हैं।
मात्र एक गांव के चंद किसानो के कारण सैकड़ों गांवों के हजारों किसानो के हितो की अनदेखी करने वाले आंदोलनकारी भला कैसे किसान हितेषी हो सकते हें। लाभान्वित होने वाले किसानों और पेंच की मांग करने नेताओं और जन प्रतिनिधियों को भी अपनी आवाज बुलंद करना चाहिये ताकि चालू हुआ काम फिर ना रुक सके।      

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