भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
10.12.12
पगथिया: मिलन
पगथिया: मिलन
रात ढ़लती गई, हम गुनगुनाते गये
शमा जलती रही, हम पिगलते रहे
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