भीड़ का टोटा
नेताजी की,
चुनावी सभा का,
आयोजन तय हो गया।
शामियाना वाला
सस्ते में,
भोंपू वाला
पांच पर पांच फ्री
स्कीम में,
फूल वाला
पहनी माला वापिस लेकर
आधे में सेट हो गया।
बचा है मसला-
ताली बजाने वालो का,
जो रेट से अपसेट है,
पिछली बार से इस बार,
चढ़े तीन गुणे रेट है।
नेताजी ने पूछा -
ताली बजाने के रेट,
क्यों बहुत ज्यादा है?
महंगाई का दर,
पाँच साल से,
सिर्फ दस टका है।
कार्यकर्त्ता ने कहा -
भीड़ वाला
कुछ यूँ कहता है,
दस टका का आंकड़ा,
पूरी तरह खोटा है।
इसलिये बाजार में,
ताली बजाने वाली
भीड़ का भारी टोटा है।
बहुत अच्छा व्यंग और सच्चाई है |
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