6.2.13

महाकुंभ- राहुल “जहर” या मोदी “अमृत”


महाकुंभ में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति पाने की कोशिश में लगे हैं तो राजनीतिक दल कहां पीछे रहने वाले थे। संतों के सहारे भाजपा ने जहां 2014 पर नजरें गड़ा दी हैं तो कांग्रेसियों ने भी बहती गंगा में हाथ धोने शुरु कर दिए हैं। चाटुकारिता की हद पार करते हुए कांग्रेसियों ने राहुल गांधी के चिंतन शिविर में दिए भाषण के अंश- सत्ता जहर हैको सार्थक करने की कोशिश करते हुए राहुल को भोलेनाथ की संज्ञा दे दी तो यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की तुलना रानी लक्ष्मीबाई से कर दी है..!
आस्था का महाकुंभ अब राजनीति के रंग में रंगा दिखाई दे रहा है। राजनीति के महाकुंभ में अब नेताओं में डुबकी लगाने की होड़ शुरु हो चुकी है। कुछ नेता खुद डुबकी लगा रहे हैं तो कुछ अपने पसंदीदा नेताओं के नाम का जप कर चाटुकारिता की डुबकी लगा रहे हैं। इन नेताओं को उम्मीद है कि महाकुंभ में डुबकी लगाने का फल मिले न मिले लेकिन चाटुकारिता की डुबकी लगाने का फल उन्हें देर सबेर जरूर मिलेगा..!
भाजपा ने आस्था के इस महाकुंभ के जरिए करोड़ों श्रद्धालुओं में हिंदुत्व की भावना के नाम पर उन्हें साधने की पूरी तैयारी कर ली है..! भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह कुंभनगरी पहुंच चुके हैं। माना ये जा रहा है कि राजनाथ सिंह संतों संग महामंथन के बाद निकलने वाले मोदी अमृत (पहले से तय) के सहारे 2014 में भाजपा की वैतरणी पार लगाने की जुगत में हैं ताकि 2009 की हार का दाग भी अपने माथे से मिटाया जाए..!
भाजपा एक बार फिर से अपने पुराने एजेंडे पर लौटती दिखाई दे रही है। हिंदू आतंकवाद शब्द को जन्म देकर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पहले ही भाजपा के हाथ में लड्डू दे चुके हैं ऐसे में भाजपा कैसे इस मौके को चूकती लिहाजा महाकुंभ के बहाने इस मुद्दे को भी भुनाने की पूरी तैयारी भाजपा ने कर ली है।
पीछे तो 2014 में हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस भी नहीं है...शुरुआत चाटुकार कांग्रेसी नेताओं ने राहुल और सोनिया के चाटुकारिता से भरे पोस्टरों को कुंभनगर में लहराकर कर ही दी है लिहाजा अब उन्हें ये भी पूरी उम्मीद है कि राहुल और सोनिया कुंभनगर से बह रही 2014 की राजनीति की गंगा में हाथ धोने क्या स्नान करने जरूर आएंगे..!
बहरहाल आस्था के महाकुंभ में राजनीति की गंगा बहाने के बाद राजनीतिक दलों के निशाने पर 2014 का आम चुनाव है...ऐसे में देखना ये होगा कि सत्ता के जहर को राहुल गांधी अपने कंठ में समाकर कांग्रेस की हैट्रिक लगा पाने में कामयाब हो पाएंगे या फिर हिंदुत्व के महामंथन से भाजपा के लिए निकलने वाला मोदी अमृत भाजपा की वैतरणी पार लगा पाएगा..!

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