3.3.13

क्यों पड़े हो शिंदे के पीछे..?


कुछ लोग कहते हैं कि आप बेवजह गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के पीछे पड़े हैं...बेवजह शिंदे की आलोचना करते फिरते हो...कुछ लोगों ने ये भी कहा कि शिंदे चूंकि दलित हैं इसलिए भी शिंदे के खिलाफ आप लिखते हो। सच कहूं तो मुझे को ये सारे सवाल ही बेवजह लगते हैं जो शिंदे से सहानुभूति रखते हुए से प्रतीत होते हैं..!
मेरे पास ये कहने के लिए वाजिब वजह भी हैये बात अलग है कि कुछ लोग इससे इतत्फाक न रखते हों..! वैसे भी मैं आपको ज्यादा पीछे नहीं लेकर जा रहा हूं...संसद के बजट सत्र की ही बात कर लेते हैं। गृहमंत्री शिंदे साहब ने राज्यसभा में महाराष्ट्र के भंडारा में तीन सगी बहनों के रेप के मामले में अपना बयान पढ़ते हुए तीनों का नाम लेते हुए उनकी पहचान जाहिर कर दी। हालांकि विपक्ष के हंगामे के बाद गृहमंत्री के इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर हर बार माननीय गृहमंत्री साहब ही क्यों गलतियां करते हैं..?
गौरतलब है कि क्रिमिनल लॉ आर्डिनेंस 2013 के मुताबिक रेप पीड़ित की पहचान जाहिर नहीं की जा सकती। ऐसे में गृहमंत्री की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति ऐसी गलती कैसे कर सकता है..? वो भी संसद की कार्यवाही के दौरान जब पूरा देश टीवी पर उसका सीधा प्रसारण देख रहा है..! क्या गृहमंत्री साहब को इतना ज्ञान नहीं है कि रेप पीड़ित की पहचान जाहिर नहीं की जा सकती या फिर गृहमंत्री साहब सिर्फ गृह मंत्रायल से उनके पास आए छपे छपाए बयान को सिर्फ अपनी आवाज दे रहे थे..!
ये पहली बार होता तो समझ में आता लेकिन इससे पहले भी गृहमंत्री ऐसा कर चुके हैं जब संसद में ही मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को शिंदे ने श्री औरमिस्टर कहकर संबोधित किया था।
कोयला घोटाले पर शिंदे के बोल तो याद ही होंगे आपको...जब शिंदे साहब ने कहा था कि बोफोर्स की तरह लोग कोयला घोटाले को भी भूल जाएंगे। जयपुर में कांग्रेस चिंतन शिविर में शिंदे के बयान पर भी खूब बवाल मचा था जब शिंदे ने आतंकवाद को जाति और धर्म से जोड़कर हिंदू आतंकवाद के शब्द को ईजाद किया था ये बात अलग है कि बाद में शिंदे को अपना बयान वापस लेना पड़ा और शिंदे ने माफी मांग ली। (पढ़ें- गृहमंत्री रहने लायक नहीं शिंदे !)
हैदराबाद में बम धमाके होते हैं तो धमाकों के बाद गृहमंत्री कहते हैं कि सरकार को आशंका थी कि धमाके हो सकते हैं लेकिन फिर धमाके क्यों हुए इसका जवाब शिंदे साहब के पास नहीं है। बाद में शिंदे साहब इसे रूटीन अलर्ट कहकर  अपना पल्ला झाड़ते नजर आते हैं..! (पढ़ें- सरकार गरजती है आतंकी बरसते हैं..!)
सुशील कुमार शिंदे देश के गृहमंत्री हैं...देश की सुरक्षा का जिम्मा उनके हवाले हैं ऐसे में हम कैसे उनसे बार – बार गैर जिम्मेदाराना बयान की उम्मीद कर सकते हैं..! सुशील कुमार शिंदे साहब का गैर जिम्मेदार रवैया और बिना सोचे समझे वेवजह की बयानबाजी ही एक मात्र वजह है जो शिंदे की इतनी आलोचना होती है लेकिन हैरत होती है तब जब कुछ दिनों बाद शिंदे की गैर जिम्मेदारी का एक और नमूना सामने आ जाता है। अब शिंदे साहब को ही शर्म नहीं है तो क्या कर सकते हैं...?

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