24.5.13

मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ


       मित्रों ! आपने मेरी रचनाओं को तो पसन्द किया ही है, पर आज मैं आपको अपनी बेटी की आवाज़ से रूबरू कराना चाहता हूँ। वैसे तो माँ-बाप को पनी सन्तान सबसे अच्छी लगती ही है पर अगर वह मेरी बेटी जैसी हो तो फिर क्या कहना। आप देंखे, सुनें और अवश्य बतायें कि उसने मेरी पिछले पोस्ट की कविता के साथ कितना न्याय किया है.......

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