मित्रो ! सरकार राम बाड़ा का सच छिपा रही है और यह बेहद जरूरी है कि
लापरवाह सरकारों का सच हर हाल में सामने आना चाहिए । यह शर्म का विषय है
कि जो स्थानीय लोग हैं उनकी संख्या क्या है इसका आकलन न होने देने के लिए
सरकार मीडिया तक को वहां न जाने देने की कोशिश कर रही है । सेना के मुताबिक़
राम बाड़ा में ही हज़ारों शव बिखरे पड़े हैं और यह देख कर सेना का दिल भी
असहज हो गया है । और ये वे शव उन लोगों के हैं जो बाहरी तौर पर दिख रहे हैं
। मलबे के अन्दर जो लोग दबे हैं वे कितने हैं इसका अंदाजा लगाना मुश्किल
है । कितने बह गए , कौन जानता है । कितने ऐसे भी रहे होंगे जिनका पूरा का
पूरा परिवार बह गया होगा और उनके बारे में किसी ने पूछा भी नहीं होगा ।
सरकार अपनी विफलता कैसे छिपाती है , इसका एक ताजा तरीन उदाहरण यह प्रकरण है
। इतने दिन बाद भी सरकार राहत सामग्री स्थानीय लोगों तक नहीं पहुंचा पा
रही है और ये ट्रक वापस जा रहे हैं । यहाँ तक कि राहुल महोदय ने जो ट्रक
रवाना किये थे वे तक वापस जा रहे हैं क्योंकि उन्हें डीजल तक के पैसे नहीं
दिए गए । वे सामान बेच रहे हैं और उससे पैसा इकट्ठा करके वापस जा रहे हैं ।
यह उत्तराखंड सरकार का हाल है । इश्वर सरकार को सद्बुद्धि दे जिससे वह
लोगों की सही मायने मे मदद कर सके ।
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