मित्रों,वास्तव में यह अश्लील सत्य है कि इस समय पूरी दुनिया में अश्लीलता और नंगेपन का विश्व कप चल रहा है। आदमी खुद तो नंगा हो ही रहा है उसने प्रकृति को भी नंगा करके रख दिया है जंगल काटकर। लेकिन यहाँ हम आदमी और उसकी आत्मा के नंगेपन तक ही सीमित रहेंगे वरना बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। पहले भारत इस विश्वकप से बाहर था लेकिन अब संचार-क्रांति और अपसंस्कृतिकरण की कृपा के चलते वो भी इस महाआयोजन में शामिल ही नहीं हो गया है वरन् धूम मचा रहा है। कहिए तो सभी पूर्व खिताब विजेता क्लिंटनों और बर्लस्कोनियों को प्रतियोगिता से बाहर ही कर दिया है। अब इस विश्वकप का मतलब ही अखिल भारतीय कप रह गया है। क्या बूढ़े,क्या जवान और क्या किशोर हर कोई हर किसी से बाजी मार लेना चाहता है। जहाँ पहले नंगा शव्द गालियों में शुमार होता था अब उसने बदलते युगधर्म में पर्याप्त प्रतिष्ठा अर्जित कर ली है। बाजारवाद का जमाना जो ठहरा। पहले कहावत थी कि हम्माम में सभी नंगे हैं अब गर्व से हम कह सकते हैं कि बाजार में सभी नंगे हैं क्योंकि बाजार में तो सिर्फ पैसा बोलता है न भाई। पैसा है तो अनैतिकता भी नैतिकता है वरना नैतिकता भी अनैतिकता।
मित्रों,अभी-अभी दो-तीन दिन पहले ही दिल्ली से सटे गुड़गाँव में लगभग 100 होनहार किशोरों को सेक्स एंड पार्टी का आनंद लेते गिरफ्तार किया गया। आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि हमारा समाज किस तरह एकदम सही दिशा में अग्रसर हो गया है। अभी दो-तीन दिन पहले ही राजस्थान से एक बेहद शोचनीय मामला सामने आया। एक पिता ने अपनी 5 बेटियों के साथ कई महीने तक बलात्कार किया,उनको जबर्दस्ती ब्लू फिल्म दिखाया और परिणामस्वरूप कई-कई बार गर्भपात भी करवाया। तो क्या भविष्य में हमारी बेटियाँ अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं रह जाएंगी? परंतु हमारी बेटियाँ तो वे भी हैं जो पूनम पांडे,सन्नी लियोन की तरह इस विश्वकप में खुद ही कपड़ों को तिलांजली देकर शामिल हो गई हैं और समाज तो दिक्भ्रमित कर रही हैं।
मित्रों,इसी बीच सर से पाँव तक और उससे भी कहीं ज्यादा आत्मा तक नंगी केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट को साफ-साफ शब्दों में बता दिया है कि वो अच्छे कहलानेवाले सरकार-विरोधी हजारों वेबसाइटों को तो जब चाहे तब बैन कर सकती है लेकिन अश्लील वेबसाइटों को कतई नहीं क्योंकि उसके मतानुसार ये वेबसाइटें हजारों सदियों से असभ्य रहे भारत का संस्कृतिकरण कर रहीं हैं। आजादी से पहले जहाँ ऐसा करना अंग्रेजों के लिए ह्वाईट मेन्स बर्डेन था अब इटली से अवतरित सोनिया गाँधी के लिए भारी बोझ बन गया है।
मित्रों,समझ में नहीं आता कि नंगई का वर्ल्ड कप किसे प्रदान किया जाए? जहाँ ओलंपिक में हमारे देश को पदकों के लाले पड़ जाते हैं यहाँ तो एक-से-एक प्रतियोगी मौजूद हैं। हमारे नेताओं को जिन्होंने घोटाला करने और जनता को धोखा देने में,झूठ बोलने और बरगलाने में और साथ-साथ कैमरे की उपस्थिति या अनुपस्थिति में नंगा होने में विश्व ही नहीं,ब्रह्माण्ड रिकार्ड बनाया हुआ है? या फिर अपने यहाँ के अधिकारियों को दे दिया जाए जिन्होंने संवेदनहीनता और घूस-कमीशनखोरी में पत्थरों और पशुओं तक को मीलों पीछे छोड़ दिया है। या फिर उन न्यायाधीशों को जो पैसे या लड़की लेकर न्याय के बदले अन्याय करते हैं। या फिर आम जनता को जिसने 16 दिसंबर जैसे कई महाक्रूर घटनाओं को अंजाम दिया है और जिनके मन-मस्तिष्क पर पूरी और बुरी तरह से अश्लीलता के वाईरस का कब्जा हो गया है,जिन्होंने देशभक्ति समेत समस्त नैतिक मूल्यों की एक बार में ही सामूहिक अंत्येष्टि कर दी है और अवशेषों को उपभोक्तावाद और बाजारवाद के गंदे गटर में ससम्मान प्रवाहित कर दिया है।
मित्रों,नंगई के विश्वकप के लिए नामांकन सालोंभर चलता रहता है। बहुत मारामारी है यहाँ। लालू, नीतीश, मुलायम, सोनिया, चांडी, राहुल, राघवजी, सन्नी लियोन, शरद पवार,पूनम पांडे आदि ने तो अपना नाम दर्ज करवा भी लिया है। आपने अपना नामांकन करवाया या नहीं? नहीं?? तो जल्दी करवाईए,आजकल नंगई बेस्ट कैरियर ऑप्शन बन गया है। जमकर पैसा बनाईए और अगर महेश भट्ट ने चाहा तो आपको फिल्मों में भी मौका मिल सकता है। अंदरखाने की एक बात बताऊँ आपको। आप पहले वादा करिए कि आप भी मेरी तरह किसी की नहीं बताएंगे-महेश भट्ट ने अपनी अगली अनाम फिल्म के लिए राघवजी और अभिषेक मनु सिंघवी को साईन कर भी लिया है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि इस दुनिया और भारत के सबसे तेजी से उभरते सुनहरे क्षेत्र में कितनी मारामारी है। जल्दी करिए,जल्दी भरिए मित्रों,नहीं तो आप कप की रेस में काफी पीछे छूट जाएंगे/जाएंगी और तब कितना भी नंगा होने के बाद भी आपके पास सिर्फ एक ही विकल्प बचेगा खुद को कोंसने का और हाथ मलने का।
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