4.9.13

कभी 84 कोसी

कभी 84 कोसी

 कभी  84 कोसी
 कभी   अयोध्या  वासी
 कभी राम मंदिर 
कभी अखाडा बना 
कभी सवाल बना 
कभी पुकार बना 
कभी बना कभी मिटा 
ऐसा इतिहास बना 
दोराहतें हैं कुछ तत्व इसे 
कभी हक के नाम पर 
कभी अल्लहा के नाम पर 
तो कभी राम के नाम पर 
जब जब ये सिलसिला चला 
मानो  लाखों  का खून बहा
और कितनी बलि चढाओगे 
कभी किसी के नाम पर 
कभी किसी के नाम पर 
कभी सन्नाटा तो कभी शोर बना 
होश में आ जाओ,
ईश्वर भी अब रोने लगा 
पछताने लगा 
कभी सोचने लगा 
क्यों मैंने अपना प्रतिबिम्ब  गढ़ा 
खाली  था संसार फिर क्यों मैंने इसे भरा 
कभी आत्मा का 
कभी परमात्मा का था सम्बंध 
आज क्यों पत्थरों में बदला 
क्यों मैं कभी ईश्वर  बना 
कभी मैं बना पत्थर 
कभी इंसान  भी बना पत्थर

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