नई पार्टी, नई नीति से, नेता जी बेहोश!
नई पार्टी, नई नीति से,
नेता जी बेहोश!
अपने गिरेबान में झांके-
बोले हम निर्दोष,
दोष दूजों पर मढ़ते,
और पुराने अखबारों को पढ़ते,
बोला #कमल-
काश! #कमल हाँथ में होता!
#हाँथ बोलता- भाई कमल अरे!
तू अपना धीरज क्यों है खोता?
'शिशु' दोष दोनों हैं #आप को देते
हार-जीत की और बधाई
एक-दूसरे की हैं लेते!
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