10.1.14

मोदी जी से सात वचन

मोदी जी से सात वचन

यह गणतंत्र का महीना है और आजादी के बाद से आम भारतीय अब तक सच्चे गणतंत्र
के लिए तरस रहा है। आज तक जितने भी दल राजनीति करने आये वे सब आम जन से
दूर बैठी पार्टी के चरणों में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से उस पार्टी को कोसते हुए भी उसकी
लय में खुल कर या चोरी छिपे नाच रहे हैं। इस अँधेरे समय में देशवासियों को प्रकाश की
आशा भरी किरण नरेंद्र मोदी में दिखाई दे रही है। भारत का आम नागरिक हर समय
किसी राजनैतिक पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं रहता है ,यह आम नागरिक दिन भर मेहनत
करता है और शांति के साथ अपने परिवार के साथ जीता है। यह पहला अवसर है जब
मैं देख रहा हूँ कि लोग नरेंद्र मोदी की ओर आशा और विश्वास के प्रतीक के रूप में देख
रहे हैं। भारतीय नागरिक होने के नाते मैं भी उनसे सात वचन चाहता हूँ -

1. वो भगवान विष्णु के काम को पुरे मनोयोग से करते रहे ,भगवान विष्णु का काम
सबका पालन पोषण सुचारु रूप से हो ,बिना पक्षपात के हो ,निरंतर हो।

2. इस देश की सीमाओं की निष्ठा के साथ सुरक्षा हो ,क्योंकि यह सिर्फ जमीन का टुकड़ा
भर नहीं है ,यह देश हमारी माँ है।

3. इस देश की जनता भारी कर से दब चुकी है वो जो कमाती है उसका बड़ा हिस्सा राजा
के द्वारा हथिया लिया जाता है और उस कर के पैसे की बर्बादी होती है ,जनता के कर
के भार को संतुलित करो ताकि वह ख़ुशी-ख़ुशी अपना कर राष्ट्र को समर्पित कर सके
और नैतिक हो कर जी सके।

4. रोजगार उन्मुख शिक्षा की व्यवस्था करें,ये मेकाले की पद्धति युवाओं को मेहनती नहीं
बना पायी है। विज्ञानं और तकनीक शिक्षा का मूलमंत्र हो।

5. न्याय व्यवस्था को कम खर्चीली और त्वरित और पारदर्शीबनाये,ताकि प्रजा के मन में
कानून के प्रति स्वत: श्रद्धा उत्पन्न हो। कानून सब के लिए समान हो। 

6. कृषि का आधुनिकीकरण हो ,देश भर में तहसील स्तर पर कृषि विश्व विद्यालय हो।
कृषि को उद्योग का दर्जा मिले।

7. अपराधी तत्वो को किसी का सरंक्षण ना मिले ,उसे कठोर सजा मिले।           

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