प्रयोग-तंत्र
सड़क पर ट्रक ड्राईवर गाडी चला रहा था ,नशे में धुत होने के कारण गाडी के स्टेयरिंग से
काबू खो दिया और ट्रक ने कुछ को कुचल दिया जिसमे एक -दो मर गए और सात -आठ
घायल हो गये। हादसा होते ही भीड़ इकट्टी हो गई। लोग काफी गुस्से में थे उनमें से एक
बोला -गाडी सड़क पर चलने से दुर्घटना होती है ,इसलिए ट्रको को सड़क पर नहीं उतारना
चाहिये।
दूसरा बोला -इन ड्राइवरों को गाडी चलाना ही नहीं आता।
तीसरा बोला -हमें ट्रको में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा ,हम ऐसी ट्रक का निर्माण
कर सकते हैं जिसे नौसिखिया भी बढ़िया तरीके से चलाये और दुर्घटना होने के पहले
ट्रक में लगे सेंसर हमें बता देंगे कि सावधान हो जाए।
भीड़ ने कहा -क्या ऐसा हो सकता है ?
उस व्यक्ति ने आत्मविश्वास से जबाब दिया -हाँ ,यह कोई बड़ी बात नहीं है। मैं और
मेरे दोस्त ऐसा कर सकते हैं।
भीड़ उत्साह और कोतुहल से भर गई और उन्होंने उससे पूछा -बोल ,तुझे क्या चाहिए ?
वह व्यक्ति बोला -इस ड्राईवर को हटा दीजिये।
भीड़ ने पूछा -क्या दूसरा ड्राइवर लाये जो नशा नहीं करता हो ?
वह व्यक्ति बोला -नहीं ,दूसरे अनुभवी और योग्य ड्राइवर की जरूरत नहीं है ,बस आप
न तो दूसरा लाने कि बात करे न इसको रखने की।
भीड़ में से एक ने पूछा -फिर इस सड़क के बीच खड़ी ट्रक को कौन चलायेगा ?
वह व्यक्ति बोला -आपको किसने कहा ट्रक चलाने के लिए निपुणता कि आवश्यकता
होती है। आप सब हमारे पर विश्वास कीजिये ,हम कसम खाते हैं कि इस ट्रक में
आमूलचूल परिवर्तन कर देंगे ये स्वत: चलेगी।
भीड़ का कौतुहल बढ़ता गया ,कुछ उतावले लोगों ने उसके मत को योग्य बता दिया।
देखने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। सबने एक दूसरे को बताया कि यह व्यक्ति
कुछ नया करने को कह रहा है। जिसने भी नयी बात को सुना उसका कायल हो गया।
भीड़ ने तय किया कि हम इस व्यक्ति को अवसर देंगे ,भीड़ में से एक आवाज उठी -
अरे,इससे पूछ तो लो कि इसने कभी वाहन चालन किया है ?
उस व्यक्ति ने कहा -वाहन चालन सीखना निकम्मी बात है जी ,हम बिना सीखें भी
बढ़िया ट्रक बनायेंगे और चला के दिखायेंगे।
लोगों ने नशे में डूबे चालक को पीट कर निचे उतारा, योग्य ड्राइवर को किनारे किया
और उस व्यक्ति को बैठाया।
वह व्यक्ति चालक सीट पर जा बैठा और गाडी का इन्जन चेक किया और बोला -
आज यह गाडी सड़क पर पड़ी रहेगी इसके इन्जन को कल खोल के देखना है।
दूसरे दिन भी गाडी सड़क पर पड़ी थी वह ड्राइवर बोला इसके ईंधन को बदलना होगा।
तीसरे दिन भी गाडी सड़क पर पड़ी रही वह व्यक्ति बोला -गाडी चलाने से पहले सड़क
की फाईल की जाँच आवश्यक है।
चौथे दिन वह व्यक्ति बड़ी भीड़ इकट्टी करके ड्राईवर की सीट पर बैठा ,इंजन स्टार्ट किया
ट्रक को गति दी ,कुछ ही फीट चल कर ट्रक डिवाइडर से टकरा गयी। वह व्यक्ति सीट
से उतर कर ट्रक की छत पर चढ़ गया और बोला -माफ करना ,मैं अभी ट्रक में पुरे
परिवर्तन नहीं कर पाया ,मुझे समय दीजिये ,मैं और नए तरीके आजमाता हूँ।
यह कह कर वह व्यक्ति चला गया और सड़क जो पहले से संकड़ी थी उस ट्रक में नए
बदलाव के कारण और जाम हो गयी।
सड़क पर ट्रक ड्राईवर गाडी चला रहा था ,नशे में धुत होने के कारण गाडी के स्टेयरिंग से
काबू खो दिया और ट्रक ने कुछ को कुचल दिया जिसमे एक -दो मर गए और सात -आठ
घायल हो गये। हादसा होते ही भीड़ इकट्टी हो गई। लोग काफी गुस्से में थे उनमें से एक
बोला -गाडी सड़क पर चलने से दुर्घटना होती है ,इसलिए ट्रको को सड़क पर नहीं उतारना
चाहिये।
दूसरा बोला -इन ड्राइवरों को गाडी चलाना ही नहीं आता।
तीसरा बोला -हमें ट्रको में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा ,हम ऐसी ट्रक का निर्माण
कर सकते हैं जिसे नौसिखिया भी बढ़िया तरीके से चलाये और दुर्घटना होने के पहले
ट्रक में लगे सेंसर हमें बता देंगे कि सावधान हो जाए।
भीड़ ने कहा -क्या ऐसा हो सकता है ?
उस व्यक्ति ने आत्मविश्वास से जबाब दिया -हाँ ,यह कोई बड़ी बात नहीं है। मैं और
मेरे दोस्त ऐसा कर सकते हैं।
भीड़ उत्साह और कोतुहल से भर गई और उन्होंने उससे पूछा -बोल ,तुझे क्या चाहिए ?
वह व्यक्ति बोला -इस ड्राईवर को हटा दीजिये।
भीड़ ने पूछा -क्या दूसरा ड्राइवर लाये जो नशा नहीं करता हो ?
वह व्यक्ति बोला -नहीं ,दूसरे अनुभवी और योग्य ड्राइवर की जरूरत नहीं है ,बस आप
न तो दूसरा लाने कि बात करे न इसको रखने की।
भीड़ में से एक ने पूछा -फिर इस सड़क के बीच खड़ी ट्रक को कौन चलायेगा ?
वह व्यक्ति बोला -आपको किसने कहा ट्रक चलाने के लिए निपुणता कि आवश्यकता
होती है। आप सब हमारे पर विश्वास कीजिये ,हम कसम खाते हैं कि इस ट्रक में
आमूलचूल परिवर्तन कर देंगे ये स्वत: चलेगी।
भीड़ का कौतुहल बढ़ता गया ,कुछ उतावले लोगों ने उसके मत को योग्य बता दिया।
देखने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। सबने एक दूसरे को बताया कि यह व्यक्ति
कुछ नया करने को कह रहा है। जिसने भी नयी बात को सुना उसका कायल हो गया।
भीड़ ने तय किया कि हम इस व्यक्ति को अवसर देंगे ,भीड़ में से एक आवाज उठी -
अरे,इससे पूछ तो लो कि इसने कभी वाहन चालन किया है ?
उस व्यक्ति ने कहा -वाहन चालन सीखना निकम्मी बात है जी ,हम बिना सीखें भी
बढ़िया ट्रक बनायेंगे और चला के दिखायेंगे।
लोगों ने नशे में डूबे चालक को पीट कर निचे उतारा, योग्य ड्राइवर को किनारे किया
और उस व्यक्ति को बैठाया।
वह व्यक्ति चालक सीट पर जा बैठा और गाडी का इन्जन चेक किया और बोला -
आज यह गाडी सड़क पर पड़ी रहेगी इसके इन्जन को कल खोल के देखना है।
दूसरे दिन भी गाडी सड़क पर पड़ी थी वह ड्राइवर बोला इसके ईंधन को बदलना होगा।
तीसरे दिन भी गाडी सड़क पर पड़ी रही वह व्यक्ति बोला -गाडी चलाने से पहले सड़क
की फाईल की जाँच आवश्यक है।
चौथे दिन वह व्यक्ति बड़ी भीड़ इकट्टी करके ड्राईवर की सीट पर बैठा ,इंजन स्टार्ट किया
ट्रक को गति दी ,कुछ ही फीट चल कर ट्रक डिवाइडर से टकरा गयी। वह व्यक्ति सीट
से उतर कर ट्रक की छत पर चढ़ गया और बोला -माफ करना ,मैं अभी ट्रक में पुरे
परिवर्तन नहीं कर पाया ,मुझे समय दीजिये ,मैं और नए तरीके आजमाता हूँ।
यह कह कर वह व्यक्ति चला गया और सड़क जो पहले से संकड़ी थी उस ट्रक में नए
बदलाव के कारण और जाम हो गयी।
यह इशारा दिल्ली की आदमी पार्टी की सरकार पर तो नहीं?
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