12.2.14

प्रतिदिन एक बवाल + मीडिया कवरेज = सत्ता प्राप्ति

            आजकल टीवी पर प्रतिदिन एक ही चर्चा है-आम आदमी पार्टी और उससे जुड़े रोज़ एक बवाल | यह पार्टी जितनी तेजी से ऊपर उठी उतनी तेजी से गर्त में जाने को आतुर दिख रही है क्योकि इसे बड़ी जल्दी है |  लोकसभा चुनाव जो है | इस काम में लगभग सारे मीडिया चैनलों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है | ये जिसे चाहे, जब चाहे चोर कह सकते हैं, खुद पर सवाल पूछने पर भी बिकाऊ करार दे सकते हैं ; राजनीति की इतनी गिरी हुई हालत कभी देखने को नहीं मिला है |
आइये इनके बारे में देखते हैं-
पृष्ठभूमि :- सभी जानते है कि यह पार्टी अन्ना आन्दोलन से उभरी है और उस समय तक इसका चरित्र स्वच्छ और ईमानदार  था, पर चुनावी पार्टी बनते ही और सत्ता-प्राप्ति के बाद सबकुछ बदल गया है| अब इसका वास्तविक मकसद सेवा भावना, भ्रष्टाचार या अन्य  कुछ नहीं रह गया है |  इससे अब जुड़ने वालों का एक ही मकसद है, इससे जुड़कर विधायक या सांसद हो जाना | बाकी दलों में लोग वर्षों मेहनत करके आते हैं, तब कहीं यह सुख नसीब होता है, पर इसमें तो दिल्ली का उदाहरण दिख रहा है | अंधे के हाथ बटेर कभी भी लग सकती है|

प्रतिदिन एक बवाल + मीडिया कवरेज :- झूठ बोलना, दूसरो को चोर खुद को ईमानदार कहना इनके प्रिय शगल हैं | साथ ही प्रतिदिन एक बवाल की स्थिति पैदा करना ताकि टीवी पर हर चैनल में ये दिखे, बहस में भाग लें | जबसे दिल्ली में सरकार बनी है; कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब ये न हुआ हो | आप ने देखा होगा टीवी पर जब इनके सदस्य बोलते हैं तो बाकी सभी चुप रहते हैं, पर कोई भी दूसरा जब बोलता है तो ये उसे हमेशा टोकते रहते हैं, हर बात को घुमाते हैं और सीधा जवाब कभी नहीं देते | इनके साथ मीडिया तो है ही क्योकि कार्यक्रम की शुरुआत में कुछ और मुद्दा होता है पर एंकर भी अंत में इन्हीं को सही और बाकी सबको गलत साबित करने की कोशिश करते हैं | आजतक, आईबीएन सेवेन, ए बी पी न्यूज या कोई भी न्यूज चैनल ( एकाध को छोड़कर) ले लीजिए सभी इनके रंग में रंगे नज़र आते हैं | दरअसल ये सभी मिलकर जनता को मूर्ख साबित करने पर तुले हुए है | इनकी वजह से अब तो न्यूज चैनल लगाने को जी नहीं करता |

अब तक का काम :- इन्होनें अब तक कुछ घोषणाएं ही की हैं जो कितनी अव्यवहारिक हैं इसका पता कुछ समय बाद ही चलेगा, इसलिए अब जल्दी से अपनी सरकार खुद गिराकर भाग जाना चाहते हैं ताकि दोष औरों को दे सकें और शहीद बनकर लोकसभा के चुनाव में उतर सकें, जनता तो मूर्ख है ही |
 केजरीवाल को ही लें | सबसे बड़ी बात यही है कि अब इनमे स्वार्थ, सत्तालोलुपता की भावना घर कर चुकी है |  काम ये कोई कर नहीं सकते क्योकिं ये डपोरशंख हैं | अकर्मण्यता इनके नस-नस में व्याप्त है | बात-बात पर झूठ बोलने वाला व्यक्ति कभी भी कर्मठ नहीं हो सकता | मुझे तो लगता है की इन्होने नौकरी भी अकर्मण्यता के चलते छोड़ी होगी बाद में उसे त्याग का नाम दे दिया | काम करने वाला कहीं भी कर सकता है, भागने वाला कभी कर्मठ नहीं हो सकता | मुझे लगता है कुछ पार्टी के सदस्य इनसे ज्यादा योग्य है, पर ये जिद्दी  व्यक्ति उन्हें आगे आने नहीं देगा |
         ( मैं किसी पार्टी का सदस्य नहीं हूँ, न तो आम आदमी पार्टी का विरोधी हूँ | मेरे पिता जहां गाजीपुर में कम्युनिस्ट सरजू पाण्डेय को वोट देते थे, वही मेरे दादाजी उनको वोट देना अपना वोट अशुद्ध हो जाना कहते थे | मेरा बचपन कुछ समय गाजीपुर के कम्युनिस्ट आफिस के पास घर में बीता है जहाँ मेरे पिता वकालत करते थे | वहां अक्सर सरजू पाण्डेय मिलते थे क्योकिं वे रिश्ते में भी लगते थे | हालांकि मैं कम्युनिस्ट भी नहीं हूँ | ये बताना इसलिए आवश्यक है क्योंकि किसी पार्टी से प्रेरित लेख भी ये कह सकते हैं |  मैं वास्तविक आम आदमी हूँ जिसने अपनी आँखे खोल रखी हैं |)

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