24.4.14

वतन परस्ती । (गीत ।)


वतन परस्ती । (गीत ।)

फिरकापरस्त,  सिखाते   हमें   वतनपरस्ती..!
क्या  ये  लोकतंत्र  है,  या   कोई  जबरदस्ती?

फिरकापरस्त = क़ौमवादी; वतनपरस्ती = देशभक्ति ।

अन्तरा-१.

पेट नोच कर, प्यास छीन कर, सांस लूट कर..!
साँप - नेवले ने कर ली है  क्या, अमन-दोस्ती?
फिरकापरस्त,    सिखाते   हमें    वतनपरस्ती..!

अन्तरा-२.

न  मरते,  ना  मारते  हमें, सियासत वाले..!
मानो, वहशी  बिल्ले  करते,  मूषक मस्ती?
फिरकापरस्त,  सिखाते हमें  वतनपरस्ती..!

वहशी = जंगली; मूषक= चूहा । 

अन्तरा-३.

जाग ज़रा, `मत`कर ऐसा, दिखा उनको अब..!
पूरब-पच्छिम, उत्तर-दकन, ना  लचर बस्ती..!
फिरकापरस्त,  सिखाते   हमें   वतनपरस्ती..!

दकन=दक्षिण; लचर बस्ती = कमज़ोर जनता ।

अन्तरा-४.

लोकतंत्र   में,  वोट-मंत्र  ताक़त  न  सस्ती ।
चल,  मिटा   देते   हैं,  ऐसे-वैसों की  हस्ती..!
फिरकापरस्त,  सिखाते  हमें  वतनपरस्ती..!

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २४-०४-२०१४.



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