श्री गणेश का नाम ले, धर शारद के पाँव |
राजनीति की धूप में, मोदी तरु की छाँव ||
अटल, सत्य संकल्प है, सदा नमो के पास |
उद्यत करने को हुये, हर संकट का नाश ||
भीतर, बाहर सभी विरोधी | जनता कहती मोदी मोदी ||१||
बसपा, सपा असुर हैं भारी | कांग्रेस टोटल
अत्याचारी ||२||
तुष्टिकरण, अनुचित आरक्षण | लोकतंत्र का करते
भक्षण ||३||
कलि के कुटिल नराधम पापी | झाडू ले फिरते आआपी
||४||
कमल चिन्ह का बजा है डंका | मोदी भारत विमल मयंका
||५||
सुखी होय जग, खिले सरोजा | मोदी मोदी कहे मनोजा
||६||
राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के साधक | जगदम्बा के
श्रेष्ठ अराधक ||७||
नौ दिन निराहार व्रत रहते | भारत, भारत, भारत
कहते ||८||
वन्देमातरम के अनुरागी | द्वेष, दम्भ, छल, छिद्र
विरागी ||९||
अदना चाय बेचने वाला | संघर्षों ने जिसको पाला
||१०||
अब कहती है दुनिया सारी | राजनीति में यह अवतारी
||११||
खेले भारत माँ की गोदी | हर हर मोदी, घर घर मोदी
||१२||
आतंकी इण्डिया विरोधी | डर डर मोदी, थर थर मोदी
||१३||
संघ कार्य के राज्य प्रणेता | संत सदृश सज्जन जननेता
||१४||
दीन दशा जब भारत लख्या | सोमनाथ से चले अयोध्या
||१५||
जन्म लियो घर अति साधारण | उगा सूर्य जनु तम
संहारण ||१६||
हीराबेन लला जनु मानिक | श्रद्धा भाव निखिल
निगमादिक ||१७||
सादर है जन जन से नाता | मोदी भारत भाग्य विधाता
||१८||
कार्गिल जुद्ध कियो अरि भारी | प्रतिपक्षी दल बने
मदारी ||१९||
भारत की प्रभुता संकट में | लख भारत माता सांसत में ||२०||
भारत की प्रभुता संकट में | लख भारत माता सांसत में ||२०||
सेना के हित बने प्रवक्ता | गरज उठा शावक बन
वक्ता ||२१||
पहना प्रलयंकर का चोगा | गोली का जवाब बम होगा
||२२||
आयो भुज भूकंप भयंकर | सवा साल में आठ लाख घर
||२३||
टाटा को गुजरात बुलायो | फ़ाइल में लाइफ ले आयो
||२४||
इधर धर्म अपनाने वाले | उधर देश को खाने वाले
||२५||
बहु विधि भारत के अपकारी | बहु प्रकार नर
भ्रष्टाचारी ||२६||
सबके उर भय एक तुम्हारा | तुम नैया के खेवनहारा
||२७||
स्वयं साधना करके देखा | तुम भारत की जीवन रेखा
||२८||
बहुत दिनों से धरती बंजर | तुम छाये बन मेघ
धुरंधर ||२९||
विश्वनाथ जी का अनुमोदन | राजनीति में हो संशोधन
||३०||
इसीलिये तुम काशी आये | धर्मप्राण हरिजन हर्षाये
||३१||
जय जय जय मोदी जन नायक | जड़ता हरो विकास प्रदायक
||३२||
कर्मकुशल संशाधन दोहक | रिपुजन दलन सर्वजन मोहक
||३३||
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा | तुमने एक रंग सब
रंगा ||३४||
सबके दिल में कमल खिलाने | ऐक सूत्र जन सभी मिलाने
||३५||
पूरे सारे काज करेगा | यह दिल्ली में राज करेगा
||३६||
शुभ चुनाव का बिगुल बजा है | देवासुर संग्राम मचा
है ||३७||
गूँज उठा है सारा अम्बर | यह अंतिम निर्णय का
अवसर ||३८||
तैंतिस कोटि देव जागे हैं | देवसुतों से मत मांगे
हैं ||३९||
जागो माता बहनों भाई | हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई
||४०||
सावधान मन कह रहा, पूरा भारत देश |
कमल बटन गंगा सदृश, कटे पाप अरु क्लेश ||
twinkle-twinkle little star..
ReplyDeleteab ki baar modi sarkar...!
अति उत्तम
ReplyDelete