हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। पिछले साल जब आईपीएल में मैच फिक्सिंग का मामला
सामने आया तो दिल्ली पुलिस को पता चला कि इस पूरे खेल के पीछे किसी और का
नहीं बल्कि दाउद इब्राहिम का हाथ था। जाहिर है इतना बड़ा खेल वो भी सरेआम
दाउद ऐसे ही नहीं खेल रहा था बल्कि उसकी पीठ पर केंद्र सरकार में शामिल
किसी बहुत बड़े आदमी का हाथ था। ऐसे में जब भारत के गृह मंत्री ने इसी साल
भरोसा जताया कि भारत एक दिन दाउद को भी पकड़ने में कामयाब हो जाएगा तो शायद
ही किसी ने उनके इस भरोसे पर भरोसा जताया।
परंतु जिस तरह से कल भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने साक्षात्कार में अचानक दाउद का जिक्र छेड़ दिया उसने एक बार फिर से इस सवाल को चर्चे में ला दिया है कि क्या दाउद इब्राहिम को सचमुच पकड़ा जा सकता है? मोदी ऐसे ही हवा में कोई बात नहीं करते। उनके पास हर समस्या का हल है,हल के लिए योजनाएँ हैं। तो क्या नरेंद्र मोदी ने पहले से ही दाउद को पकड़ने की योजना पर काम शुरू कर दिया है? आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी से उनकी योजना पूछी है। तो क्या केंद्र सरकार को सचमुच यह पता नहीं है कि दाउद को कैसे पकड़ा जा सकता है? क्या वर्तमान समय में भारतीय सेना और खुफिया एजेंसी में सचमुच ऐसे लोग नहीं हैं जो यह बता सकें?
मोदी के व्यक्तित्व के बारे में भारत के लोग जहाँ तक जानते हैं उससे यह भरोसा तो जनगणमन में जरूर उत्पन्न हो रहा है कि मोदी भारत के इस सबसे बड़े दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई जरूर करेंगे। मोदी जो ठान लेते हैं उसे करके छोड़ते हैं चाहे इसके लिए कितना भी नुकसान क्यों न उठाना पड़े? जाहिर है कि जैसा कि मोदी ने साक्षात्कार में कहा भी है कि अमेरिका ने बिन लादेन को मारने से पहले संवाददाता सम्मेलन नहीं किया था,वे केंद्र सरकार के मंत्रियों के लाख छेड़ने पर भी अपनी योजना के बारे में तब तक सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोलेंगे जब तक कि काम पूरा नहीं हो जाता। वैसे मोदी के पास चुनावों के बाद जनरल वीके सिंह,पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह,मेजर राज्यवर्द्धन राठौर जैसे कई योजनाकार उपलब्ध होंगे जो उनकी इस योजना को पूरा करने में सक्षम होंगे।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
परंतु जिस तरह से कल भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने साक्षात्कार में अचानक दाउद का जिक्र छेड़ दिया उसने एक बार फिर से इस सवाल को चर्चे में ला दिया है कि क्या दाउद इब्राहिम को सचमुच पकड़ा जा सकता है? मोदी ऐसे ही हवा में कोई बात नहीं करते। उनके पास हर समस्या का हल है,हल के लिए योजनाएँ हैं। तो क्या नरेंद्र मोदी ने पहले से ही दाउद को पकड़ने की योजना पर काम शुरू कर दिया है? आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी से उनकी योजना पूछी है। तो क्या केंद्र सरकार को सचमुच यह पता नहीं है कि दाउद को कैसे पकड़ा जा सकता है? क्या वर्तमान समय में भारतीय सेना और खुफिया एजेंसी में सचमुच ऐसे लोग नहीं हैं जो यह बता सकें?
मोदी के व्यक्तित्व के बारे में भारत के लोग जहाँ तक जानते हैं उससे यह भरोसा तो जनगणमन में जरूर उत्पन्न हो रहा है कि मोदी भारत के इस सबसे बड़े दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई जरूर करेंगे। मोदी जो ठान लेते हैं उसे करके छोड़ते हैं चाहे इसके लिए कितना भी नुकसान क्यों न उठाना पड़े? जाहिर है कि जैसा कि मोदी ने साक्षात्कार में कहा भी है कि अमेरिका ने बिन लादेन को मारने से पहले संवाददाता सम्मेलन नहीं किया था,वे केंद्र सरकार के मंत्रियों के लाख छेड़ने पर भी अपनी योजना के बारे में तब तक सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोलेंगे जब तक कि काम पूरा नहीं हो जाता। वैसे मोदी के पास चुनावों के बाद जनरल वीके सिंह,पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह,मेजर राज्यवर्द्धन राठौर जैसे कई योजनाकार उपलब्ध होंगे जो उनकी इस योजना को पूरा करने में सक्षम होंगे।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
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