20.5.14

कहाँ गए वो लोग
कहाँ गए वो लोग जो कहा करते थे जो कहा करते थे कि  मोदी प्रधानमन्त्री बने तो देश में आग लग जायेगी । जिन्हें मोदी में एक शैतान नजर आता था । जो इस व्यक्तित्व में एक हैवान और दरिंदा देखते थे । जिन्हे यह आदमी हत्यारा नजर आता था । जो कहा करते थे कि  वह कसाई है । जिनको इसमें एक आदमखोर दिखाई देता था । जो नरेंद्र मोदी की तुलना बलात्कारी आसाराम से करते थे । जिन्होंने उन्हें कुत्ते के बच्चे के बड़े भाई कहकर उनके  पिता को ही गाली दे डाली थी । वे सब अब कहाँ है ?
वे लोग अब कहाँ मुंह छिपाए बैठे हैं जिन्होंने इस महानायक को बेवकूफ और गधा कहा था । वे कहाँ हैं जिन्होंने  कहा था कि  मोदी एकांत में लड़कियों के फ़ोन सुनते हैं । मैं उन्हें ढूंढ रहा हूँ जिन्होंने कहा था कि उनके आने पर देश  अँधेरा छा जाएगा । जिन्होंने उन्हें खून के समंदर में नहाया हुआ बताया था । जिन्होंने कहा था मोदी के मन में महिलाओं के प्रति कुंठा है वे अब बाहर क्यों नहीं आते ? वह दलित नेत्री  कहाँ है जिसने कहा था मोदी देश को बर्बाद कर देंगे । उसे ढूंढना चाहता हूँ जिसने कहा था कि  मोदी देश  होली खेलना  हैं । मोदी को नीच राजनीति करने वाला कहने वाले कहाँ हैं । उनकी कमर में रस्सी डालकर उन्हें जेल  डाल  देने की बात करने वाले अब चुप क्यों हैं ।
लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश करने से पहले उसे प्रणाम करने वाले इस नायक को यह कहने वाले कहाँ हैं कि  - लोकतंत्र एक मंदिर है और कुछ कुत्ते इस मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं और टांग खड़ी  कर देते हैं ।उन्हें दीखता नहीं है कि  वह व्यक्ति अब पी एम बन रहा है । वे कहाँ छिप गए जो मोदी के टुकड़े करने वाले थे । नया नया मुल्ला कहने वाले अपनी पार्टी को बचाने और इस्तीफे का नाटक करने में लगे हैं । मोदी को दानव कहने वाले  दिखाने में शर्माने लगे हैं । मोदी को देश  खतरा बताने वाले बुढ़ापे में दूजा ब्याह रचाने की तैयारी में लगे हैं । उन्हें रावण कहने वाले अपने राम को बचाने में लगे हैं । जिन्होंने उनको चायवाला कहकर उनकी क्षमता  पर सवाल उठाया था उनका पारिवारिक समाजवाद यू  पी में नष्ट हो गया है  और चाय अब गले से नहीं उतरती  । जिन्हें मोदी बड़बोले दिखते  थे वे अब खुद मौन बैठे हैं । उन्हें चोर कहने वाला अपनी आस्तीन समेटे हास्य का पात्र बन बैठा है । उनके पी एम बनने पर बाइस हज़ार मरेंगे कहने वाला हताश बैठा है । उन्हें भारत माता की मूर्ति को विकृत करने वाला कुत्ता कहने वालों को सांप सूंघ बैठा है । उन्हें वोट देने को गद्दारी कहने वाला दिल्ली की सरकार के जुगाड़ में बैठा है । मोदी से दोस्ती उजागर होने पर परेशान होने वाले परेशान बैठे हैं ।
मोदी के पी एम बनने  पर लड़कियों का क्या होगा कहने वाला खिसियानी हंसी हंस रहा है । गुजरात मॉडल को कत्लेआम कहने वाला गुमशुदा है \।
और दूसरी तरफ यह महानायक कहता है कि  खत्म हो गयी चुनावी गर्मी । यह सरकार गरीबों की है । युवाओ की है । माताओं बहनों की है । यह इस मंदिर को प्रणाम करता है । विनम्रता की मिसाल पेश करता है । यकीन दिलाता है कि  वह परिश्रम की पराकाष्ठा करेगा । वह कहता है कि  किसने क्या किया यह महत्वपूर्ण नहीं है ,जरूरी है कि  आगे क्या करना है । वह श्रेय लेने से भी हिचकिचाता है । भावुक  होता है ।वह धर्म जाति से परे  एक सौ पच्चीस करोड़ की बात करता है ।
सोचता हूँ , अब इन सबका क्या करें जो बड़बड़ाते फिर रहे थे ?

from - dr dwijendra vallabh sharma
village motichur haripur kalan
raiwala dehradun
phone 9359768881



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