14.5.14

HINDI SONG- SHAM `शाम । (गीत)`



HINDI SONG- SHAM
`शाम । (गीत)`

http://mktvfilms.blogspot.in/2014/05/hindi-song-sham.html

https://www.youtube.com/watch?v=KJ2VBbgD6TI&feature=youtu.be

इज़हार-ए-इश्क  बिना  शाम  हो गई..!
हसरतों की  जैसे  कत्लेआम  हो गई..!

इज़हार-ए-इश्क = प्यार की अभिव्यक्ति;
हसरत=अभिलाषा;


१.

निगाहों में  प्यार, ज़ुबान से  इनकार ?
रुसवाईयाँ   शायद, बेलगाम  हो गई..!
इज़हार-ए-इश्क  बिना  शाम  हो गई..!

२.

लरजते लबों ने कह दिया था  सबकुछ ?
और  खामोशी, मुफ्त  बदनाम  हो गई..!
इज़हार-ए-इश्क   बिना   शाम  हो गई..!

लरजना-काँपना; लब=होंठ;


३.

बेबस हैं वो तो, मजबूर  इधर हम भी?
सिसकीयाँ ये कैसी, खुलेआम हो गई..!
इज़हार-ए-इश्क  बिना  शाम  हो गई..!

सिसकी=रोने का शब्द;

४.

न  रस्में, न कसमें, न वश में  हमारे..!
ये जिंदगी बस जैसे, इलज़ाम हो गई..!
इज़हार-ए-इश्क  बिना शाम  हो गई..!

रस्म- विधि;

मार्कण्ड दवे ।

दिनांकः १४-०५-२०१४.


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