29.7.14

मेरा सच्चा दोस्त वही हो सकता है जो नास्तिक हो...

मेरा सच्चा दोस्त वही हो सकता है जो नास्तिक हो... धर्मों में फंसे लोग अंततः कट्टरपन के दलदल में फंसेंगे ही, वो चाहे लिबरल कट्टरपन हो या कट्टर कट्टरपन हो. और कौन कहता है कि नास्तिक आदमी आध्यात्मिक नहीं हो सकता... नास्तिकता के रास्ते आप सही मायने में अपने तरीके से देश दुनिया ब्रह्मांड मनुष्यता आदि को एनालाइज कर सकते हैं और खुद का एक नजरिया समझ सोच विकसित कर सकते हैं जो आपका खुद का आध्यात्मिक दर्शन बनेगा... मौलिक और आधुनिक दर्शन... तो भाइयों, पुराने विचारों को जानिए पढ़िए खूब लेकिन दिल दिमाग को मौलिक रखिए... नास्तिक बनिए...

यशवंत सिंह

1 comment:

  1. यशवन्त जी नास्तिक को किसी सहारे की जरुरत नहीं, दोस्त की भी नहीं

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