पिथौरागढ़, 26 अगस्त। ढ़ाई वर्शो से गोरीनदी पर पुल का इन्तजार कर रही गोरीपार क्षेत्र की जनता की अगवाई कर रहे भाजपा नेताओं के खिलाफ किये गये फर्जी मुकदमें की आग को भाजपा ठण्डा नहीं होने देना चाहती। भाजपा ने इसके लिए कांग्रेस पर करारा प्रहार करने के लिए अपनी रणनीति बना ली है। भाजपा मुख्यमन्त्री की विधान सभा में लोकतन्त्र बचाओं अभियान चला कर मुख्यमन्त्री पर निषाना साधेगी। भाजपा एक सितम्बर को मुनस्यारी में धरना-प्रदर्षन और सभा कर इसकी षुरूआत करेगा। अभियान चलाकर विधान सभा के 159 ग्राम पंचायतों में इसी तरह के कार्यक्रम होंगे।
भाजपा के विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया ने आज यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि वर्श 2013 की भीशण आपदा ने गोरीनदी में झूलापुल को बहा दिया। ढ़ाई वर्शो से गोरीपार क्षेत्र की 13 गांव की जनता गोरीनदी में एक अद्द पैदल पुलिया की मांग कर रही है। गरारी तथा कच्ची पुलिया से अभी तक एक दर्जन से अधिक राहगीर गोरीनदी में बह चुके है। इसके बाद भी प्रदेष सरकार नहीं चेती है। भाजपा के नेतृत्व में 21 अगस्त 2015 को मुनस्यारी में हुये षान्तिपूर्वक तथा कानून के दायरे में किये गये प्रदर्षन को कांग्रेस नहीं पचा पायी। जन समस्याओं का समाधान करने की जगह कांग्रेस के दबाव में भाजपा के चार नेताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया। इस पर भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी एक बार नहीं सौ बार जेल जाने को तैयार है, लेकिन उन्हें गोरीनदी में किसी भी हालत में पैदल चलने के लिए पक्की पुलिया चाहिए। उन्होनंे कहा कि लोकतन्त्र में जो संवैधानिक अधिकार जनता को दिया गया है उससे मुख्यमन्त्री की विधान सभा के नागरिकों को वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस और फर्जी मुकदमों के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं को डराया व धमकाया जा रहा है। भाजपा का मकसद है कि फर्जी मुकदमों की इस आग को वर्श 2017 के विधान सभा चुनाव तक सुलगते हुये रखा जाय। इसके लिए पार्टी में एक सितम्बर, 2015 से लोकतन्त्र बचाओं अभियान चलाने की घोशणा की उन्होने कहा कि इस अभियान के तहत धारचूला के 62 तथा मुनस्यारी के 97 कुल 159 ग्राम पंचायतों में अभियान को ले जाया जायेगा। मुख्यमन्त्री से फर्जी मुकदमों के बारे में जबाब मांगते हुये जनता की अदालत से न्याय मांगा जायेगा। मर्तोलिया ने बताया कि वर्श 2017 में होने वाले विधान सभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने तक यह अभियान चलता रहेगा।
जगत एस. मर्तोलिया की रिपोर्ट.
No comments:
Post a Comment