26.10.15

पीएम को खुला खत : जनसंख्या के अनुसार 100 फीसदी आरक्षण हो, आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया तो देश खंड-खंड हो जायेगा

श्री नरेन्द्र मोदी जी
प्रधानमंत्री
भारत सरकार, नयी दिल्ली।

विषय : आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया तो देश खण्ड—खण्ड हो जायेगा।

उपरोक्त विषय में और जनहित में हक रक्षक दल सामाजिक संगठन की ओर से आपको सार्वजनिक रूप से अवगत करवाया जाता है कि समाजशास्त्रियों के अनुमानों के अनुसार वर्तमान भारत में ब्राह्मणों की कुल जनसंख्या मात्र 2.5 से 3 फीसदी है। समस्त आर्यों की कुल जनसंख्या 10 से 12 फीसदी है। जबकि वर्तमान में 80 फीसदी से अधिक प्रशासनिक पदों पर आर्यों का कब्जा है। नीति—नियन्ता प्रशासनिक, शासकीय और न्यायिक पदों पर 95 से 99 फीसदी पदों पर आर्यों का कब्जा है। जिसके कारण शेष सम्पूर्ण अनार्य आबादी, आर्यों के ​शिकंजे में कैद है और अन्याय सहने को विवश है। आर्य राजनैतिक दलों का लोकतंत्र पर सम्पूर्ण कब्जा है।



आप जानते हैं कि भारत की जनसंख्या की जातिगत जनगणना हो चुकी है। आपकी सरकार के पास जातिगत आंकड़े भी तैयार हैं। फिर भी आपकी सरकार द्वारा आर्यों के हित में जातिगत जनसंख्या के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किये जा रहे हैं। जो सम्पूर्ण देशवासियों के साथ खुला अन्याय है।

कुछ समय पहले हक रक्षक दल की ओर से हमने राजस्थान के अजा, अजजा एवं ओबीसी के जनप्रतिनिधियों के नाम खुला खत लिखा था। जिसमें उनको साफ शब्दों में अवगत करवाया गया था कि देशभर में सवर्णों की कुल आबादी अधिकतम 12 फीसदी है। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार गरीब सवर्ण, सवर्णों की कुल जनसंख्या का एक फीसदी से भी कम हैं। फिर भी संविधान को धता बतलाकर राजस्थान विधानसभा द्वारा गरीब सवर्णों को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का बिल पारित किया जा चुका है। लेकिन आर्यों के नेतृत्व वाली राजनेतिक पार्टियों के टिकिट पर निर्वाचित आरक्षित वर्गों के जनप्रतिनिधियों की जबान को सांप सूंघ गया। कोई कुछ नहीं बोला।

अब जबकि मात्र 2.5 से 3 फीसदी ब्राह्मणों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 15 फीसदी आरक्षण की मांग की जा रही है। आशंका है कि आपकी सरकार द्वारा कुछ समय बाद 2.5 से 3 फीसदी ब्राह्मणों को आर्थिक आधार पर 15 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का बिल भी संसद में पेश कर, पारित करवा दिया जायेगा।

यदि ऐसा हुआ तो सम्पूर्ण देश एक बार फिर से आर्य ब्राह्मणों का ​हमेशा को गुलाम हो जायेगा। अत: हक रक्षक दल सामाजिक संगठन की आप से खुली मांग है कि राजनैतिक, प्रशासनिक और शैक्षणिक सहित सभी क्षेत्रों में कम से कम अगले सौ साल के लिये सौ फीसदी आरक्षण लागू किया जावे। जिसके लिये प्रारम्भिक सुझाव—

1—जनसंख्या के जातिगत आंकड़े तुरन्त सार्वजनिक किये जावें।
2—सम्पूर्ण आबादी को समान परिस्थितियों के आधार पर 15 से 20 मिलते—जुलते नये वर्गों में विभाजित किया जावे।
3—देश की 98 फीसदी आबादी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में उनके वर्गों में आरक्षण प्रदान कर दिया जाये।
4—शेष 02 फीसदी आरक्षण कोटा सभी वर्गों के प्रथम श्रेणी में भर्ती होने वाले अफसरों की संतानों और उनके समकक्षों तथा पूंजीपतियों के लिये आरक्षित रक्षा जावे। और
5—सौ साल बाद संसद निश्चय करे कि आगे इस देश में आरक्षण जरूरी है या नहीं!

प्रधानमंत्री जी आपको देशहित में अवगत करवाया जाता है कि यदि आपकी सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर किसी को भी आरक्षण प्रदान करने के आरएसएस के षड़यंत्र को अमली जामा पहनाया गया तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और देश का विखण्डन भी हो सकता है। यदि ब्राह्मणों को आरक्षण प्रदान किया गया तो किसी भी सूरत में देश को मंजूर नहीं होगा।

अत: समय रहते आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करने सम्बन्धी असंवैधानिक बयानबाजी पर तत्काल पाबन्दी लगायी जावेगी आप से ऐसी अपेक्षा है।

-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
राष्ट्रीय प्रमुख— हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान
WA/Mob. No. 9875066111/25.10.2015, 20.40 बजे।

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क्योंकि-हमारा मकसद साफ़। सभी के साथ इन्साफ।।
--धन्यवाद जी।

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
National President-BAAS & National Chairman
JMWA
baasoffice@gmail.com

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