22.10.15

जिंदा जलाए गए दलित बच्चों की तुलना कुत्तों से करने वाले वीके सिंह के खिलाफ दर्ज हो एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा

लखनऊ 22 अक्टूबर 2015। रिहाई मंच ने अल्पसंख्यक आयोग द्वारा दादरी में
मोहम्मद एखलाक की हत्या को सुनियोजित हत्या करार देने की रिपोर्ट को
केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा बताते हुए मांग की है कि पूरे देश में
मुसलमानों और दलितों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं को स्र्वाेच्च
न्यायालय खुद संज्ञान में लेते हुए इसकी जांच के लिए अपने मौजूदा जज के
नेतृत्व में जांच आयोग गठित करे। वहीं इंसाफ अभियान ने हरियाणा समेत पूरे
देश में दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा पर भाजपा के दलित सांसदों से
इस्तीफा देने की मांग के साथ ही केंद्रिय मंत्री वीके सिंह द्वारा जिंदा
जला दिए गए दलित बच्चों की तुलना कुत्तों से करने पर उनके खिलाफ एससी
एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।



रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब
ने कहा है कि दादरी की घटना को जिस तरह अल्पसंख्यक आयोग ने भी सुनियोजित
बता दिया है वह मोदी सरकार के मुंह पर तमाचा है। क्योंकि सरकार के मंत्री
और नेता उसे दुर्घटना और अनजाने में हुई हत्या बताते फिर रहे हैं।
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद से ही जिस तरह
अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं और पूरा प्रशासनिक अमला जिस तरह संघ
परिवार के एजेंडे को लागू करने में लगा है उससे मुसलमानों में अपने
जान-माल की असुरक्षा भयानक स्तर तक पहंुच गई है। जिससे उन्हें मुक्ति की
गारंटी तभी मिल सकती है जब संघ परिवार की हिंसक गतिविधियों को स्वतः
संज्ञान में लेते हुए स्र्वोच्च न्यायालय ऐसी घटनाओं की जांच अपने किसी
मौजूदा जज की निगरानी में कराए और जांच आयोग में सदस्य के बतौर सामाजिक
कार्यकर्ताओं को रखे और रिर्पोट पर सख्ती से अमल करे। उन्होंने मांग की
है कि मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह विफल साबित हो चुका
तंत्र जिसकी तस्दीक खुद तमाम जांच आयोगों की रपटें करती रही हैं कि
मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के दौरान पुलिस या तो हत्यारों का खुल कर सहयोग
करती है या वह मुसलमानों को मरने के लिए छोड़ देती है, मुसलमानों को
आत्मरक्षा के लिए सरकारें हथियारों के लाईसेंस जारी करे। उन्होंने यह भी
मांग की है कि दलित ऐक्ट की तर्ज पर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के
खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए माईनाॅरिटी ऐक्ट बनाया जाए।

वहीं इंसाफ अभियान उत्तर प्रदेश के महासचिव दिनेश चैधरी ने कहा कि संघ
परिवार के इशारे पर पिछले डेढ़ साल से दलितों के खिलाफ हिंसा का जो खेल
खेला जा रहा है उस पर भाजपा के दलित सांसदों की चुप्पी शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि दलितों के जिंदा जला दिए जाने के बावजूद उदित राज और
कौशल किशोर जैसे दलित सांसदों द्वारा अब तक इस्तीफा नहीं देना साबित करता
है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और दलितों को फिर से अछूत बना देने की
संघ परिवार की योजना से वह पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि दलित समाज
को ऐसे दलित नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है जो मुसलमानों के खिलाफ
उन्हें भड़का कर उनसे वोट लेने के बाद या तो उनका मुसलमानों के खिलाफ
हिंसा में इस्तेमाल करते हैं या फिर दलितों के जिंदा जलाए जाने पर चुप्पी
साधे रहते हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में इंसाफ अभियान के प्रदेश संगठन सचिव लक्षमण प्रसाद ने
केंद्रिय मंत्री वीके सिंह द्वारा हरियाणा के फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव
में जिंदा जला दिए गए दो मासूम दलित बच्चों की तुलना कुत्तों से करने पर
वीके सिंह के खिलाफ एससी एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की
है। उन्होंने कहा कि इस बयान से दलितों को समझ लेना चाहिए कि संघ परिवार
जिस भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है उसमें दलितों की स्थिति
कुत्तों जैसी हो जाएगी और इसी की तैयारी के तहत दलितों को जगह-जगह जिंदा
जलाया जा रहा है।

द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
______________

No comments:

Post a Comment