11.4.16

टीआरपी की तरह कुछ टिप्स बीआरपी/एफआरपी के लिए

जिस प्रकार से न्यूज़ चैनल वाले टीआरपी के लिए मरे जा रहें हैं यही हाल ब्लॉग वालों / फेसबुक वालों का हो चुका है। टीवी की टीआरपी है तो ब्लॉग की बीआरपी और फेसबुक पर एफआरपी। अब टीवी वाले क्या करतें हैं वही ब्लॉग लेखक और फेसबुक यूजर करें तो क्या कहने।



मसलन लड़कियों के बारे में ऐसी ऐसी कहानियाँ लिखो कि ब्लॉग / फेसबुक पर दस्तक देने वाले को यूँ लगे जैसे वह कोई नीली फ़िल्म देख रहा हो। [तड़का लगाने के लिए केवल अधोवस्त्र पहने लड़की के फोटो डाले जा सकते है।] ख़ुद के साथ ऐसी कहानी जोड़ दो तो कुछ अलग बात हो। किसी बड़े से बड़े नेता, अभिनेता,पत्रकार, अभिनेत्री के बारे में लिख दो कुछ चटक मटक वाला, फ़िर देखो बीआरपी / एफआरपी कैसे ऊपर जाती है। ख़ुद न लिखो तो जिसने लिखा है उसकी बखिया खोल दो और खुलवा दो अपने मित्रों से ।

 अपने निजी संबंधों को ब्लॉग / फेसबुक  में उजागर करो फोटो सहित। अगर आप थोड़े बहुत जाने माने आदमी है तो और भी अधिक आसन है बीआरपी / एफआरपी को ऊपर लेकर जाना। ब्लॉग / फेसबुक  पर जितनी अधिक मिर्च मसाले का तड़का होगा उतनी अधिक होगी बीआरपी/एफआरपी। उसके बाद चैनल से मुकाबला होगा। जिस प्रकार टीआरपी एक ख़बर होती है उसी प्रकार बीआरपी / एफआरपी भी ख़बर हुआ करेगी। महिलाएं अपने ब्लॉग / फेसबुक  पर तड़प, विरह, प्रेमरोग से ओत प्रोत शेरो शायरी लिख सकतीं हैं। [खुले बाल उदास चेहरे की फोटो जलती हुई मोमबत्ती के साथ हो तो सोने पर सुहागा।]

इससे बीआरपी / एफआरपी इतनी ऊपर जायेगी कि ब्लॉग / फेसबुक  लेखक को संभालनी मुश्किल हो जायेगी। भूतप्रेत, चमत्कार, टोने टोटके जो भी उलूल जलूल हो बस ब्लॉग / फेसबुक  में भर दो, कौन से दाम लगते हैं। हमें तो अपनी बीआरपी / एफआरपी से मतलब है। जब न्यूज़ चैनल वाले, जो हर घर में दस्तक देते हैं, कुछ भी दिखा सकते हैं तो ब्लॉग / फेसबुक लेखक को क्या? तो आज से, आज से क्यों अभी से शुरू हो जाओ फ़िर देखो आप बीआरपी / एफआरपी की किन बुलंदियों को छूटें है।

ओके

आल दी बेस्ट

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