सहारा के वैनर तले वर्तमान में जिन योजनाओं में पैसा लिया जा रहा है और जिन योजनाओं में जमाकर्ता और एजेंट भुगतान न होने की बात कर रहें है उन सभी योजनाओं से सहारा श्री सुब्रत रॉय का कोई वास्ता या कोई लेना देना नहीं है क्योकि सहारा श्री और उनके ब्लड रिलेटिव सभी ब्लैक लिस्टेड है अर्थात कोई भी कम्पनी या संस्था भारत में नही बना सकते। सुब्रत रॉय के तिहाड़ से बहार आने या ना आने से भुगतान की समस्या का समाधान नही होने बाला चूँकि सहारा श्री ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला की हमने OFCD के इन्वेस्टर को पूर्ण भुगतान कर दिया जबकि उन्होंने OFCD के इन्वेस्टर्स को अपने अधिकारी और कर्मचारी को धमका कर और एजेंटों को भारी भरकम कमीशन और ड्रा का लालच देकर सहारा क्यू शॉप नामक औचित्य हिन् योजना जिसमे भुगतान का कोई उल्लेख नही है में ट्रान्सफर करवा दिया।
फिर जो सोसाइटियाँ रजिस्टर्ड कराई गई उनमे सहारा के कर्मचारी ही डाइरेक्टर है और इन्ही योजनाओं का भुगतान नही हो रहा है चूँकि तथाकथित स्कीम क्यू शॉप की मेच्योरिटी मुँह जवानी 2018 से प्रारम्भ होगी फिर सहारा श्री 34 हजार करोड़ सेबी सहारा खाते में भी जमा कराएं और इन्वेस्टर को भी 34 हजार करोड़ का भुगतान जो की 2.35 गुना 79 हजार 900 करोड़ अर्थात कुल जमा 113.900 करोड़ कहाँ से देंगे।
यहाँ यह भी तथ्य है की 2008 का मेगा डब्लपमेंट सहारा को महंगा सावित हो चूका है क्योंकि इस केस के बाद स्टाफ को 1 माह डबल सेलरी स्टेशनरी खर्च विज्ञापन खर्च , राष्ट्रगान में कीर्तिमान वना दादागिरी दिखाने में 100 करोड़ खर्च और सेबी द्वारा डॉक्यूमेंट सम्हालने डिजिटाइलेशन खर्च और पिछले 2 वर्षो से लगातार सहारा द्वारा देसी विदेसी बेंको से लिया कर्ज और अपनी लुभावनी योजनाओं जिसमे मेंबर को 20% और 10% कमीशन जो की अब एक बड़ा अम्बार खड़ा हो चूका है जिसका कोई बेलेंस शीट जारी नही है और तो और जमाकर्ताओं और एजेंटों का TDS और कर्मचारियों का TDS और PF GRATUITY का पैसा भी नियामको तक जमा नही किया गया है इस भीषणतम भविष्य की त्रासदी या देनदारी की गहरी खाई को सिर्फ सोचा समझा जा सकता है जरुरत हे सम्पूर्ण ग्रुप की CBI और आर्थिक अपराध अनुसन्धान ब्यूरो द्वारा निष्पक्ष जांच की।
Uday Soni
uday23369@gmail.com
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