इंदौर के भाई दिल्ली से भोपाल पहुँचे तो पार्टी तो होना तय था...और पार्टी हुई भी भुट्टा पार्टी,लेकिन इस भुट्टा पार्टी की खास बात रही छत्तीसगढ़ की राजधानी से प्रसारित होने वाले चैनल में बनी मेहमानों की लिस्ट...दरअसल भाई की भुट्टा पार्टी में कौन आएगा यह तय किया रायपुर से प्रसारित एक चैनल के दफ्तर के अय्यर ने....जिन्हें बाइज्जत कुछ दिनों पहले एक प्रतिष्ठित चैनल से विदा किया गया था...साहब जनसम्पर्क के वेब घोटाले के चपेट में आ गए थे...सो सीएम की कृपा से इन्हें बेज्जत कर तो नहीं पर चुपचाप विदा कर दिया गया...तो सीएम साहब ने फिर दरियादिली दिखाई और इन्हें छत्तीसगढ़ के रीजनल चैनल में चिपकवा दिया...
अब चापलूसी और दलाली से पत्रकारिता के पेशे में जमे जनाब ने जाने क्या तिकड़म भिड़ाई के इंदौर के भाई भी झांसे में आ गए...और भुट्टा-भुट्टा चिल्लाने लगे...तिकडमी को ही लिस्ट बनने का जिम्मा दे दिया कि किसे बुलाना है और किसे नहीं...तो जनाब ने अपने दफ्तर पहुँच कर ऐसी लिस्ट बनाई कि पूछिए मत पत्रकारों को छोड़कर वहाँ सभी चाटुकार ही चाटुकार थे...मामला पकड़ में तब आया जब सीएम साहब भी वहाँ पहुँचे और उन्होंने कुछ एक कलमकारों के बारे में पूछा...तो जनाब लिस्ट तो फाइनल थी...ज्ञानचंद ने ज्ञान की ऐसी अलख जगाई के सीएम की कुर्सी का ख्वाब देखने भाई की मति मारी गई...पार्टी तो हुई और भुट्टे भी खूब भुने लेकिन पार्टी कोई और ही लूट ले गया...आखिर कर्ज भी तो उतारना है सीएम साहब भी तो कितना ख्याल रखते है मुन्ने का...लेकिन भाई के हाथ सिर्फ भुट्टा ही आया सो अभी तक पकड़ के घूम रहे है...
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