11.7.16

यजीदीयो की नस्ल है ज़ाकिर नायक : जैनुल आबेदीन हाश्मी

सुल्तानपुर : इस्लाम के आंगन में धोके से इस्लामिक लेबास पहनकर आये कट्टरपंथी ज़ालिम ज़ाकिर नायक ने आलमी पैमाने पर जहां मुसलमानों को अपने लोक लुभावन बोल से  गुमराह किया वहीं ये बहरुपिया आज मज़हब के लिये नासूर बन गया है, जिससे दुनिया भर में इस्लाम बदनामी की ज़नजीरों में जकड़ गया है, लेकिन पढ़े लिखे मुसलमान इस ज़ालिम के मंसूबों को समझ चुके हैं जिन्होंने आखिर इसके खिलाफ ज़बान खोल ही दी, इसी मुद्दे पर रविवार को अंजुमन इस्लाहुल कुरैश के अधयक्ष एवं इंडियन इस्लामिक आर्गनाइजेशन यू.पी. के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जैनुल आबेदीन हाश्मी ने ख़ास बातचीत में बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी। पेश है श्री हाश्मी से हुई ख़ास बातों के कुछ अंश.....


ज़ाकिर नायक और प्रेस टी.वी. ये इस्लाम के मुखालिफ एक साजिश है, जिसे सीधा मुसलमान नहीं समझ पा रहा, जबकि सच्चाई ये है के ज़ाकिर नायक यजीदीयो की नस्ल है, जिस तरह तारीख़ में यजीद और बनी उमैया ने हुकूमत में आने के बाद रौज़ए रसूल, जन्नतुल बकी और अह्लेबैत के घरों को गिराया  वैसे ये पूरे इस्लाम की मीनारों को गिराने में जुटा है, श्री हाश्मी ने कहा की ये दाइश, आई.एस.आई.एस., तालिबान और जितनी भी दहशतगर्द तन्जीमे हैं जिसके नायक पैरोकार हैं इनका इस्लाम से कोई सरोकार नहीं है बल्कि ये सी.आई.ए. और रा की साजिश की चाल है असल काम इन्ही के ज़रिये चल रहा, उन्होंने ये भी कहा कि ज़ाकिर नायक, कोई भी दहशतगर्द वो किसी भी मज़हब के हों ऐसे तमाम लोगों की तहकीकात ज़रूर होनी चाहिए।

श्री हाश्मी ने कहा कि नायक का मज़हब आले सऊद का मज़हब है जो अपने अलावा हर मुसलमान को काफिर समझते हैं वो "सुन्नी हो या शिया"! और ये आले सऊद वही कौम है जिसने 1801 में कर्बला और नजफ में आतंकी हमला किया, और इन्ही मस्लके बनी उमैया ने उस वक़्त मुसलमानों के हज पर पाबंदी लगाई थी जो कोशिश फिर की जा रही है, आले सऊद, ज़ाकिर नायक आज इस तरह "दो जिस्म एक जान" हुए हैं के इनकी मिली भगत से क़िबलए अव्वल बैतुल मोकद्दस को गिराये जाने की साजिश रची जा रही है, ये इसलिये की "इंसानियत और इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन इज़राईल" पूरी दुनिया को यहूदी बनाना चाहता है जिसकी ज़ादातर जानकारी नेट पर मौजूद है, आज जो लकीर बग़दाद के बाहर से खिंचती हुई तुर्की, जार्डन, लेबनान के इलाकों से होती हुई मदीने मुनौवरा तक आ रही है उस रडार में मक्काए मोअज़ज़मा है, जिससे आले सऊद और नायक ब खूबी वाकिफ हैं, लेकिन याद रहे ये साजिश हमारे अमन पसंद मुल्क के लिये ख़तरा है, लेहाज़ा मुल्क के एक-एक मुसलमान फर्द का फर्ज़ है कि वो इस्लाम की सही तालिमात पर अमल करे जिन तरीकों को पैगम्बर ने बताया है, पैगम्बर का कहना था कि "कुल ईमान वाले भाई हैं"।

सबसे अहम बात जिसकी तरफ श्री हाश्मी ने ज़ादा ज़ोर दिया वो ये कि उन्होंने पैग़म्बर मोहम्मद साहब के उपदेशों का सहारा लेते हुए कहा के पैग़म्बर ने इन जैसों के लिये कहा है कि "इनके साथ पानी मत पियो, उनके साथ खाना खाओ मत, उनके साथ नमाज़ मत पढ़ो, वो मर जायें तो उनकी नमाज़ मत पढ़ो", बल्कि "तुम इन्हें खुद से दूर रखो कहीं ये तुम्हें फ़ितने (आतंक) में न डाल दें"! ये इशारा ज़ाकिर नायक व आले सऊद जैसों के लिये है जिसे भोले भाले भाई मुसलमान समझ बैठे हैं,

आखिर में श्री हाशमी ने कहा कि आज मुल्क जिस हालात से दो-चार है उसके लिये ज़रूरी है के मुल्क का हर बाशिंदा अगर जज़बए जेहाद रखता है तो पैग़म्बर के हुक्म के मुताबिक "मुल्क की देफा (सुरक्षा) के लिये जेहाद करे न की मुल्क के लिये गद्दारी कर बैठे, मुल्क की हुकूमत के साथ मशवरा करके नायक व मुल्क में पल रही आले सऊद की औलादों को जो मुल्क और यहां के हर इंसानो के खून के प्यासे हैं उन्हें उनके अंजाम तक पहुँचा दें वरना इंसानियत का दुश्मन इज़राईल और उनकी ये औलादें "अजगर की तरह मुँह फैलाए हम सबको निगलने के लिये तैयार बैठी हैं"!

Asghar naqui
naqui1983@gmail.com

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