माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सात दिवसीय 'इलेक्ट्रोनिक मीडिया उपकरण प्रशिक्षण कार्यशाला' का समापन
भोपाल, 23 अगस्त। मीडिया प्रशिक्षण के बाद सीआरपीएफ के जवान अधिक प्रभावी ढंग से समाज की सहायता कर सकेंगे। सीआरपीएफ ने अनेक विपरीत परिस्थितियों में समाज हित के काम किए हैं। सीआरपीएफ ऐसे दुर्गम स्थानों पर भी काम कर रही है, जहाँ मीडिया की पहुँच नहीं है। इसलिए जवानों को दिया गया मीडिया का प्रशिक्षण अधिक उपयोगी साबित होगा। सीआरपीएफ के कमाण्डेंट श्याम सुंदर ने सात दिवसीय इलेक्ट्रोनिक मीडिया उपकरण प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन समारोह में यह विचार व्यक्त किए। कार्यशाला का आयोजन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रोनिक मीडिया विभाग की ओर से किया गया था। इस कार्यशाला में सीआरपीएफ के जवानों को सात दिन तक इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रशिक्षण में ऑडियो, वीडियो और फोटोग्राफी का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला के समापन समारोह के मुख्य अतिथि एवं सीआरपीएफ कमाण्डेंट श्याम सुंदर ने कहा कि सेना के प्रशिक्षण और विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण में अंतर होता है। लेकिन, मीडिया का यह प्रशिक्षण जवानों के काम को और प्रभावी बनाएगा। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने विभिन्न युद्धों में अपनी भूमिका निभाई है। जम्मू-कश्मीर में होने वाली हिंसक गतिविधियों को भी सीआरपीएफ ने कुशलता से नियंत्रित किया है। इसके अलावा बाढ़ और भूकम्प जैसी आपदाओं में भी सीआरपीएफ के जवानों ने समाज की सहायता की है।
समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने कहा कि गत दिवस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई महापरिषद की बैठक में भी इस प्रशिक्षण कार्यशाला की प्रशंसा की गयी और प्रशिक्षण को विस्तार देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवान अपनी जान पर खेलकर देशवासियों की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। श्री आहूजा ने कहा कि इस प्रशिक्षण से सीआरपीएफ के जवान अपनी उपलब्धियों को छोटी-छोटी फिल्में बनाकर सबके सामने ला सकते हैं। इस प्रशिक्षण की महत्ता तभी सार्थक होगी, जब इसका समय-समय पर अभ्यास किया जाए। आभार प्रदर्शन करते हुए इलेक्ट्रोनिक मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत सिंह ने कहा कि वर्तमान दौर इलेक्ट्रोनिक मीडिया का है और तकनीक में आए परिवर्तन ने इसे प्रभावित भी किया है। सबको इसे समझना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 10 जवानों को प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सौरभ मालवीय ने किया।
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