26.9.16

आदरणीय प्रधानमंत्री जी, पाकिस्तान से युद्ध में मैं एक सैनिक के रूप में शामिल होना चाहता हूँ

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,

आज मेरी माँ ने पूछा कि क्या युद्ध हो सकता है? अगर हो तो बेटे तुम जरूर जाना, क्यों कि आज परिवार से ज्यादा देश को तुम्हारी जरूरत है, आजकल हमारे देश का युवा नकारात्मक होता जा रहा है, और छोटी मोटी बातों को लेकर क्राइम कर देता है, युवा अधिकतर नशा, ड्रग्स, आत्महत्या और प्रेम प्रसंग में फंसा हुआ है । और मैं चाहती हूँ, कि तुम देश प्रेम का संदेश आज के युवा को समझा सको, और इसमें तुम्हारी जान भी चली जाये, तो मुझे गर्व होगा ।


मान्नीय मेरी आपसे गुजारिश है, कि यदि हमारा पाकिस्तान से युद्ध होता है, तो मैं भी एक सैनिक के रूप में युद्ध में शामिल होना चाहता हूँ । क्यों कि बात मेरे अपने मुल्क की है । और कोई मेरे मुल्क पर आँख उठाये ये मुझे बर्दाश्त नहीं । मैंने बचपन से हमारे देश के सच्चे नायकों को पढा, और देशभक्ति की आग आज भी मेरे दिल में है । इस देश की रक्षा करने का जितना हक सैनिकों को है, उतना ही मुझे । ऐसा कब तक चलेगा, कि अकेले सैनिक ही शहीद होते रहें, और हम चैन से सोते रहें, ये देश प्रत्येक भारतीय का है, और हर हिन्दुस्तानी का यह पहला और आखरी कर्त्तव्य है, कि वो पहले देश सेवा करे बाद में स्वयं का देखे । मैं पुतला जलाकर या फेसबुक पर कमेन्ट करके या कोई नाटक करके अपने अंदर की आग खत्म नहीं करना चाहता । मैं देशभक्ति को मनोरंजन नहीं समझता । मुझमें गुस्सा बहुत है, और इसको सही जगह लगाना चाहता हूँ ।

 अगर नवाज शरीफ को वुरहान वानी और अन्य आतंकवादियों पर गर्व है, तो मैं वादा करता हूँ, कि एक भारतीय प्रधानमंत्री होने के नाते आपको हर भारतीय पर गर्व होगा और हर भारतीय को आप पर, इस मुसीबत की घडी में संपूर्ण भारतीय आपके और एक दूसरे के साथ खडे हैं, वैसे तो युद्ध बुरे होते हैं, कुछ बेकसूर लोग हमारे भी मारे जायेंगे और कुछ पाकिस्तान के भी । लेकिन जब दुश्मन अधर्म पर आ जाये, और दुर्योधन की तरह हठ पर अङ जाये, तो हमें भी महाभारत की तरह ये युद्ध लडना चाहिये, आप अर्जुन की तरह तैयार रहें । जीत हमारी निश्चित है ।

 मेरी आपसे गुजारिश है, कि आप मुझ जैसे उन तमाम युवाओं को आर्मी की तरह ट्रेनिंग देने की कृपा करें, जो मेरे साथ साथ इस महायज्ञ में अपने प्राणों की आहूती देने को तैयार हैं । जिस तरह दक्षिण कोरिया में प्रत्येक युवा को २ बर्ष के लिये आर्मी ज्वाइन करना अनिवार्य है, उसी तरह हमारे यहाँ भी कुछ होना चाहिये, जिससे लोगों में देश भक्ति का जज्बा बना रहे, और मुसीबत के हालात में सब हमारे काम आ सकें । मुझे कोई भी एक भी पैसा नहीं चाहिये । आप तो बस टेरीटोरियल आर्मी की तरह हमको इतना आत्मनिर्भर कर दें, कि मैं अकेला ही 10-20 पर भारी पढूँ । वो अगर आतंकवादी तैयार कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं सच्चे देश भक्त खडे कर सकते ।

मुझे देश के लिये लडने और मरने का सौभाग्य मिले इससे बेहतर और क्या हो सकता है । मैं यहां बुजदिलों की तरह नहीं जीना चाहता, क्यों कि मुझ जैसे युवाओं को देश से प्यार तो है, लेकिन जताने का मौका ही नहीं मिलता । और शायद मौका मेरे सामने है । मैं भारत माँ और मेरी माँ का कर्ज उतारना चाहता हूँ । इसलिये मुझे आप एक मौका जरूर दें, जिससे मैं अपनी माँ को गौरवांवित कर सकूँ । और उन बुजदिलों को दिखा सकूँ, कि भारतीय कभी भी अधर्म की लडाई नहीं लडते, और जब बात देश की हो, तो धर्म की रक्षा करने सभी बच्चे बूढे देश के लिये जान देने को तत्पर रहते हैं ।

"हिन्दुस्तान जिन्दाबाद,

पाकिस्तान मुर्दाबाद"    

धन्यवाद,
आपका
मनमोहन ठाकुर (भारतीय युवा)
विदिशा (मध्यप्रदेश)
Mo. 8871835807
Email: krishnamann86@gmail.com

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