लखनऊ : “मोदी जी का दलित हितैषी होने का दावा निरा धोखा” यह बात आज एस.आर. दारापुरी, भूतपूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस नोट में कही है. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ मोदी जी दलित हितैषी और दलितों के विकास के लिए समर्पित होने का दावा कर रहे हैं वहीँ उनके अपने राज्य गुजरात में दलित अपने उत्पीड़न और गुजरात के विकास माडल के कारण पिछड़ेपन के खिलाफ आन्दोलन चला रहे हैं. मोदी जी के दलित संरक्षक होने की पोल हाल में राष्ट्रीय अपराध अनुसन्धान ब्यूरो द्वारा क्राईम इन इंडिया- 2015 रिपोर्ट से ही खुल जाती है.
इस रिपोर्ट से यह बात खुल कर सामने आई है कि लगभग सभी भाजपा शासित राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा में दलित उत्पीड़न की दर राष्ट्रीय दर से बहुत ऊपर है. इतना ही नहीं उक्त रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इन राज्यों में दलितों पर अत्याचार सम्बन्धी कनून एससी/एसटी एक्ट का प्रयोग ही नहीं किया जा रहा है और दलित उत्पीड़न के मामले साधारण कानून के अंतर्गत दर्ज किये जा रहे हैं. इससे दलितों को न तो एससी/एसटी एक्ट के रूल्स के अंतर्गत मुयाव्ज़ा मिल पा रहा है और न ही उत्पीड़न के दोषी लोगों को सजा. इसके इलावा दलित उत्पीड़न के जो मामले अदालत जाते हैं उन के निस्तारण में बहुत विलंब होता है और लगभग 75% मामलों में आरोपी बरी हो जाते हैं. एससी/एसटी एक्ट के रूल्स के अंतर्गत उत्पीडन के मामलों के लिए विशेष अदालतों की स्थापना करने के आदेश हैं परन्तु ऐसा न करके अधिकतर सामान्य अदालतों को ही विशेष अदालतें घोषित कर के खाना पूर्ति कर दी गयी है. इससे स्पष्ट है कि मोदी जी का दलित हितैषी और दलित संरक्षक होने का दावा बिलकुल वैसा ही है जैसा उनके आंबेडकर भक्त होने का दावा. वैसे दलित अब मोदी जी के इन जुमलों को बहुत अच्छी तरह से समझाने लगे हैं.
एस.आर. दारापुरी,
भूतपूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता,
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट.
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