चन्द घंटों में उतरा नेतागिरी का भूत, हजार रुपये के विज्ञापन का पैसा बाकी.. आपराधिक मुकदमों में लम्बा चौड़ा इतिहास, विवादों से पुराना नाता, भाजपा की छवि पर दाग लगाता नेता, चुनाव से पहले पत्रकारों से बैर...
ऊधमसिंह नगर। जहां एक ओर भाजपा पार्टी अपने अनुशासन और शिष्टाचार की दुहाई देती नहीं थकती है और ऐसे दावा किया जाता है जैसे मानों इस राजनीतिक दल को छोड़ इनसे अच्छा और कोई नहीं ? तो वहीं दूसरी ओर जनपद यूएस नगर के किच्छा विधानसभा में एक भाजपा नेता कहलवाने वाला नेता अपनी ही पार्टी की छवि पर दाग लगा रहा है और अनुशासन की धज्जियां उड़ा अपने आपको पार्टी से बड़ा होने का दाम भर रहा है, जहां एक ओर वो खुले आम पत्रकारों पर अपनी दबंगता दिखाने से बाज नहीं आ रहा है तो वहीं उसको देख आवाम के मन में सवाल उठ रहा है कि जो भाजपा अनुशासन की दुहाई देती नहीं थकती है तो आखिर उसी पार्टी में ये नेता कैसे बना हुआ है जो पत्रकारो पर ही अपनी दबंगता दिखाने से बाज नहीं आ रहा है और खुलेआम हुंकार भरता है देख लेने की धमकी दे रहा है।
किच्छा में जिस तरह से ये नेता अपने आपको सबसे बड़ा दबंग होने का खेल खेल रहा है वो भाजपा की छवि के लिए अच्छा नहीं है और वो भी तब जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव सर पर है और ऐसे में पत्रकारो को ही डराना धमकाना क्या सही है ? जहां एक ओर भाजपा के दिग्गज नेता पत्रकारो पर हो रहे हमलों को लेकर राज्य सरकारो पर हमला बोलते है और बड़ी बड़ी बाते कहते सुनाई देते है तो वहीं दूसरी ओर जिस तरह से ये भाजपा का नेता पत्रकारो पर ही दबंगता दिखाने से बाज नहीं आ रहा है तो क्या ये माना जाये की करनी और कथनी में अंतर है ?
सोशल मीडिया पर भी भाजपा नेता के खिलाफ जमकर हुंकार भरी जा रही है और भाजपा के दिग्गज नेताओं से इस नेता को पार्टी से बाहर निकालने की मांग भी जल्द उठ सकती है। बताया जाता है कि ये नेता अपने आपकों को एक बड़े नेता का प्यादा बताता है तो वहीं अब ये देखने वाली बात होगी कि क्या अब ये आका अपने इस प्यादे पर नकेल कसने के लिए कदम उठाते है या इस बेलगाम प्यादे को ऐसे ही खुला छोड़ देते है ? चर्चा तो यहां तक हो रही है सोशल मीडिया पर कि जहां एक ओर ये नेता अपने आपको बहुत बड़ा नेता होने के गुमान में है तो वहीं चन्द पत्रकारो का कहना है कि ये नेता सही में इतना बड़ा है कि मात्र हजार रू के विज्ञापन के बकाया पैसे देने के लिए इसके पास पैसा नहीं है ? वहीं अब चन्द पत्रकारों ने उन कार्यक्रमों से भी किनारा करना शुरू कर दिया जहां पर ये नेता मौजूद होता है ? ये भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। खेर अब ये देखने वाली होगी कि क्या बेलगाम इस नेता पर क्या पार्टी के शीर्ष नेता कार्यवाही करने का दम भर पाते है या नजर अंदाज कर देते है ?
किच्छा से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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