खबर है दिल्ली के बड़े अखबार एचटी और हिन्दुस्तान दोनों के मजीठिया न देने के संबंध में। जैसा कि आपको भी पता है कि मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। हिन्दुस्तान ने तमाम झूठे, फरेब भरे कागज, रिपोर्ट तैयार कर लिए हैं। यह तो इस मामले में पहले से ही मजीठिया अभी तक किसी को न देने के हर दांव-पेंच खेलने में माहिर है ही, उससे भी बड़ दुख और हैरानी की बात यह है कि इसने दिल्ली के डिप्टी लेबर कमिश्नर तथा कमिश्नर तथा नोएडा के डिप्टी लेबर कमिश्नर, कमिश्नर दोनों को अपने पैसे और दबदबे के दम पर अपने हिसाब से मैनेज कर लिया है।
हैरानी की बात यह है कि एसे में डिप्टी लेबर कमिश्नर भी इनके आगे इनके हिसाब से काम करने और गलत कागज बनाने पेश करने में जुट गया है। क्योंकि अब सुप्रीम कोर्ट में सही-गलत या झूठ-सच की पूरी जानकारी देने की जिम्मेदारी अब इसी के ऊपर है। पर पता नहीं क्यों या किसी खास लालच में ये पूरी तरह से मैनेजमेंट के हिसाब से काम कर रहे हैं। ये हाल तो तब है जब दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले कहलानेवाली केजरीवाल सरकार है तब उसके ये अफसर सब कुछ ताक पर रखकर काम कर रहे हैं।
लेकिन इनको समझ लेना होगा वहां पर ये गलत, झूठी और तथ्यों से परे बनाई रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देने के पहले कि एचटी, और एचएमवीएल के दर्जनों लोगों, कर्मचारियों ने इनके खिलाफ आरटीआई लगा दी हैं. और उसमें इनको ठीक जवाब देना होगा नहीं तो ये भी मैनेजमेंट के साथ ही कसूरवार होंगे, हो लकता है कि कहीं की आरटीआई के चलते इनकी अपनी बरसों से चली आ रही आरामदायक सरकारी नौकरी पर भी दाग लग जाए। अभी भी समय है कि ये अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से और माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और बिना किसी दबाव या लासच के सही बात ही रखें। और कर्मचारियों को पूरा न्याय दिलवाएं।
राजेंद्र सिंह व अन्य हजारों लोग
एचटी मीडिया, एचएमवीएल नई दिल्ली, व नोएडा
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