11.1.17

सतीश वर्मा की डोगरी भाषा में अनुवादित किताब का विमोचन


सहारा मीडिया नेटवर्क ग्रुप के राष्ट्रीय सहारा अखबार के वरिष्ठ पत्रकार सतीश वर्मा की पाकिस्तान की जमीनी हकीकत को बयां करती डोगरी भाषा में अनुवादित ‘पाकिस्तान दी हकीकत कन्नै रूबरू’’ का जम्मू स्थित केएल सहगल हाल में राज्य के उपमुख्यमंत्री डा. निर्मल कुमार सिंह ने विमोचन किया। इस अवसर पर राज्य के एमएलसी रमेश अरोड़ा तथा विधायक डा. कृष्ण लाल भगत के अलावा निदेशक राज्य सूचना विभाग डा. शाहिद इकबाल आईएस, जम्मू के एडिशनल डीसी डा. अरूण मन्हास तथा डोगरी की सुप्रसिद्ध लेखिका प्रो. चंपा शर्मा समेत कई जानी मानी हस्तियां मौजूद थी।


दरअसल यह किताब वरिष्ठ पत्रकार सतीश वर्मा की दो बार पाकिस्तान, उसके कब्जे वाले जम्मू कश्मीर तथा नार्दन एरिया की यात्राओं के दौरान जमीनी हकीकत की परख किए जाने पर आधारित है। पाकिस्तान पर यह पहली किताब सन् 2011 में नई दिल्ली के मशहूर प्रकाशक डायमंड बुक्स ने छापी थी।

उसके बाद इसका अंग्रेजी संस्करण डायमंड बुक्स ने ही 2013 में प्रकाशित किया था। यह दोनों पुस्तकें फिलीप कार्ड, अमेजन समेत कई प्रमुख कंपनियों द्वारा बिक्री की जा रही है। पाकिस्तान की हकीकत से रूबरू पाठकों द्वारा काफी सराही गई हैं। दरअसल यह किताब पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर जिसे वह आजाद कश्मीर कहता है, वहां के आवाम की भारत के प्रति सोच, आतंकी शिविरों वहां सक्रिय अलगाववादियों के अलावा वहां के सत्ताधीशों, सेना तथा आईएसआई आदि को लेकर खुलासा करती है। इस किताब में लेखक सतीश वर्मा ने बताया है कि जहां तक आम आदमी की बात है, वह भारत से बेहतर रिश्ते चाहते हुए एक बार फिर से जम्मू कश्मीर के पुर्नगठन का सपना देख रहा है। चूंकि पाकिस्तान में भी उसके कब्जे वाले जम्मू कश्मीर तथा नार्दन एरिया में स्थानीय हकुमत से आजादी की मांग की जा रही है।

वहीं नियंत्रण रेखा से सटी दुर्गम पहाड़ियों, जंगल, खाईयों से पटे पड़े इलाकों में आतंकवादी शिविरों में आतंकी तैयार किए जा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार सतीश वर्मा की यह दो यात्राएं क्रमश सन् 1999 में लाहौर बस सेवा की शुरूआत तथा सन् 2004 में जनरल परवेज मुशर्रफ की हकूमत के दौरान हुई। सन् 1999 में जब मियां नवाज शरीफ की वहां हकूमत थी, तो वर्मा का वहां खुफिया एजेंसियों ने लाहौर के माल रोड पर अपहरण करने की साजिश बुनी थी। कुल मिलाकर पाकिस्तान की हकीकत को दर्शाती यह किताब बेहद ज्ञानवर्धक  मानी जा रही है। यह बात डोगरी भाषा में अनुवादित पाकिस्तान दी हकीकत कन्नै रूबरू पुस्तक के विमोचन के दौरान उपमुख्यमंत्री डा. निर्मल कुमार सिंह सहित तमाम खास मेहमानों ने भी कही कि किस तरह वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक सतीश वर्मा ने बेहर जोखिमपूर्ण तरीके से अपनी खोजी पत्रिकारिता का परिचय देते हुए वहां की जमीनी हकीकत को खंगाला। उन्होंने यह पुस्तक अपनी स्वर्गीय माता जी स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रमुख समाज सेविका रही श्रीमति तारावती वर्मा को समर्पित की है। यह बताना जरूरी है कि डोगरी भाषा का अनुवाद प्रसिद्ध लेखिका डा. नीलम सरीन ने किया है। जिनकी डोगरी भाषा में अब तक कई पुस्तकें आ चुकी हैं। जम्मू व श्रीनगर समेत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में डोंगरी भाषा ज्यादा बोली जाती है इसलिए डोगरी में किताब का अनुवाद इसकी लोकप्रियता के लिए काफी अहम है।

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