18.3.17

रंगों से प्रकृति का दर्द हुआ बयां

कलाकारों की कृतियों ने मनमोहा... साहित्यिक परिचर्या के अंतर्गत काव्य गोष्ठी भी हुई आयोजित... 



आजमगढ़ । आजमगढ़ फाइन आर्ट सेंटर द्वारा सिधारी स्थित श्री मन मंगलम होटल में लगाई गई तीन प्रदर्शनी में दूसरे दिन दर्शकों ने कृतियों को देखा।महिला कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग में प्रकृति के दर्द को लोगों ने बखूबी समझा। अनंत की ओर विषयक पेंटिंग प्रदर्शनी में हर कृति  प्रकृति के मूल तत्व जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी एवम् आकाश पर निर्मित की गई है।महिला कलाकारों ने इन तत्वों को रंगों के माध्यम से कैनवास पर उकेरा है।किसी पेंटिंग में पंचतत्व पर वर्तमान की समस्या है तो किसी में भविष्य के संकट पर लोगों का ध्यान खींचा गया है।


प्रदर्शनी में आयोजित परिचर्चा में अग्रसेन महिला कॉलेज की शिक्षिका डॉ वंदना द्विवेदी ने कहा कि पञ्चतत्व जैसे गूढ़ विषय पर हर उम्र के कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग अद्धभुत है।इनको देख कर प्रकॄति के प्रेम को समझा जा सकता है।

डॉ ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि चित्रकला भी मानव के अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है जैसे लेखनी के माध्यम से कवि अपनी बात कहता है वैसे ही कलाकार अपनी तूलिका से मन के भावों को रंगों के द्वारा अभिव्यक्त करता है। सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि पिछले साल की तुलना में लोगों का कला के प्रति रुझान बढ़ा है और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम समाज में देखने को मिलेगा।

डॉ कौशलेन्द्र विक्रम मिश्र ने कहा कि कला समाज की सृजनशीलता को प्रकट करती है यदि हम इसे बढ़ावा देंगे तो नकारात्मक गतिविधियां कम होगी। आयोजक डॉ लीना मिश्रा ने बताया कि प्रदर्शनी के अंतिम दिन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा। चित्रकला प्रदर्शनी एवं साहित्यिक परिचर्या के अंतर्गत काव्य गोष्ठी भी आयोजित की गई। जिसमें प्रमुख कवियों में डॉ ईश्वर चंद त्रिपाठी, श्री मयकश आज़मी, श्री राजनाथ राज, श्री विजेंद्र श्रीवास्तव, श्री पंकज मिश्र एवं डॉ प्रतिभा सिंह आदि ने अपनी सुन्दर रचनाओं से श्रोताओं को अभिभूत कर दिया।

डॉ लीना मिश्रा

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