अजय कुमार,लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के छठे चरण में 04 मार्च को सात जिलों ( महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ एवं बलिया) की 49 सीटों के लिए मतदान होगा। एक करोड़ 72 लाख मतदाता (इसमें थर्ड जेन्डर के भी 982 मतदाता शामिल हैं।) 635 उम्मीदवारों में से 49 जनप्रतिनिधियों को चुनेंगे। इस चरण में मतदान के साथ ही 362 विधान सभा सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो जायेगा। छठे चरण में जिन 49 सीटों पर मतदान होना है, उसमें 2012 के चुनावों में सपा को 27, बसपा को 09, भाजपा को 07, कांग्रेस को 04 सीटें मिली थीं। इसके अलावा एनसीपी और कौमी एकता दल ने दो सीटों क्रमशः कैम्पियरगंज विधान सभा सीट और मऊ विधान सभा सीट पर जीत हासिल की थीं। छठे चरण के जिन जिलों में चुनाव हो रहा है। उनमें कई जिलों की सीमा बिहार से सटी है। इसलिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भी कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशियों लिये इन जिलों में प्रचार के लिये उतरे हैं गया। छठें चरण में ही बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र वाली विधान सभा सीटों पर भी मतदान होगा। योगी तो चुनाव में पूरी ताकत लगाये हैं,लेकिन मुलायम प्रचार से पूरी तरह दूर हैं। नुकसान से बचने के लिये अखिलेश नेताजी की आजमगढ़ में एक जनसभा करना चाह रहे हैं,लेकिन अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई हैं।
छठे चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की विधान सभा सीटों पर भले ही मतदान नहीं होना है, फिर भी इस चरण में वाराणसी से सटे जिलों में चुनाव होने के कारण विरोधी इसे पीएम क प्रतिष्ठा से जोड़ रहे हैं। इसी चरण में मुस्लिम बाहुल्य मऊ, आजमगढ़ और महराजगंज जैसे जिलांे में भाजपा के सामने खाता खोलने की चुनौती है। 2012 के चुनाव में भाजपा का उक्त जिलों में खाता तक नहीं खुला था। 2012 में आजमगढ़ की 10 विधान सभा सीटें में सपा ने 9 सीटों पर कब्जा जमाया था तो 2014 में मोदी लहर के बाद भी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव यहां से लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे थे। इस बार मुलायम चुनावी समर से बाहर है। इसका नुकसान सपा को हो सकता है। बसपा को 49 सीटों में से मात्र ं 9 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारने के लिये ही बसपा सुप्रीमों मायवती ने उस बाहुबली मुख्तार अंसारी तक को ‘गले’ लगाने से परहेज नहीं किया जिसको सपा में शामिल करने को लेकर समाजवादी परिवार दो फाड़ हो गया था। माया को उम्मीद है कि मुख्तार के सहारे वह मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में ला सकती हैं, लेकिन मुख्तार को (जो मऊ विधान सभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं) को प्रचार के लिये अदालत से पैरोल नहीं मिलने से बसपा के मंसूबों पर ग्रहण लग सकता है।इस बार मुख्तार के साथ उनका बेटा भी बसपा के टिकट से चुनाव में किस्मत अजमा रहा है। मुख्तार का अब्बास अंसारी मऊ जिले की घोषी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है। मुख्तार ने पिछला चुनाव कौमी एकता दल के टिकट से जीता था।मुख्तार के साथ-साथ उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी और सिबगत्तुला अंसारी भी शामिल हो चुके हैं। इसलिए मुख्तार के लिए यह चुनाव काफी चुनौती भरा माना जा रहा है।
कभी कांग्रेस का गढ़ रही क देवरिया संसदीय क्षेत्र की सीटों पर भी छठे चरण में मतदान होना है। देवरिया से 2014 में भाजपा का ब्रहमण चेहरा समझे जाने वाले कलराज मिश्र लोकसभा चुनाव जीते थे। मोदी सरकार में मंत्री कलराज मिश्र की भाी प्रतिष्ठा यहां से जुड़ी है। यह चक्र उनकी कड़ी परीक्षा लेगा। । भाजपा ने कलराज मिश्रा से ब्राह्मण बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में खूब प्रचार कराया है। वह अब तक विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 40 सीटों से ज्यादा सभाएं कर चुके है।
2012 में सात जिलों में पार्टियों की स्थ्तिि
जिले
सीटें
सपा
बसपा
भाजपा
कांग्रेस
आजमगढ़
11
9
2
गोरखपुर
9
1
4
3
1 छब्च्
मऊ
4
3
1 कौमी
बलिया
6
4
1
1
महाराजगंज
5
2
1
1
1 बवह
कुशीनगर
7
3
1
1
2 बवह
देवरिया
7
5
1
1 बवह
कुल सीटें-
49
27
9
7
4 बवह
1 छब्च्
1 कौमी
महत्वपूर्ण मुकाबले वाली सीटंे
1. गोरखपुर में 09 सीटें कुल प्रत्याशी-127
सहजनवां सीट से सपा के यशपाल रावत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। यशपाल के पिता शारदा प्रसाद व मां प्रभा रावत भी विधायक रह चुकी हैै।
खजनी विधान सभा क्षेत्र से सपा-कांग्रेस गठबंधन के कांग्रेसी प्रत्याशी कमांडो कमल किशोरः(पूर्व सांसद) और गांधी परिवार के करीबी है।
बांसगांव से भाजपा के विमलेश पासवान (बांसगांव सांसद कमलेश पासवान के भाई है।) का मुकाबला सपा की शारदा देवी से है। शारदा देवी चौरीचौरा विधान सभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुकी है। अबकी उनका क्षेत्र बदल दिया गया है।
कैम्पियरगंज से भाजपा प्रत्याशी और पांच बार के विधायक और पूर्व मंत्री फतेहबहादुर ंिसंह(पूर्व मंत्री वीरबहादुर ंिसंह के पुत्र) ताल ठोंक रहे हैं।
चिल्लूपार विधान सभा सीट से बसपा ने पूर्व मंत्री और दबंग छवि के हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय तिवारी को मैदान में उतारा है।
2. मऊ मंे 04 सीटें कुल प्रत्याशी 57
मऊ सदर से बसपा ने माफिया मुख्तार अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है। वह पूर्व विधायक कृष्णानंद हत्याकांड में जेल में बंद है।
घोसी से बसपा ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा हैं।
3.बलिया में 06 सीटें कुल प्रत्याशी 96
बलिया नगर से बसपा के टिकट पर सपा सरकार के पूर्व मंत्री नारद राय चुनाव लड़ रहे है। नारद ने टिकट न मिलने पर बसपा का दामन थामा। यही से भाजपा ने गोरक्ष प्रांत के महामंत्री,एससी कॉलेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष आनंद शुक्ला को मैदान में उतारा है।
फेफंना विधान सभा सीट से बसपा ने अखिलेश सरकार में मंत्री रहे और मुलायम के काफी करीबी अंबिका चौधरी को टिकट दिया है।
बांसडीह सीट से अखिलेश के कारीबी काबीना मंत्री रामगोंिवंद चौधरी चुनावी जंग लड़ रहे है। सपा के ही नीरज राय सिंह गुड्डू ने बगावत करके यहां लोकदल से नामांकन दाखिल किया है।
बैरिया विधान सभा सीट से भाजपा ने सुरंेंद्र ंिसंह को मैदान में उतारा है। सुरेन्द्र की गिनती आरएसएस के सक्रिय सदस्यों में होती है, पहला चुनाव।
4.आजमगढ़ में 10 सीटें कुल प्रत्याशी 116
सगड़ी विधान सभा सीट से बसपा ने वंदना ंिसंह पत्नी विधायक सर्वेंश ंिसंह सीपू को प्रत्याशी बनाया है।
लालगंज से बसपा ने पूर्व सांसद अरिमर्दन पुत्र स्वः गांधी आजाद को वहीं भाजपा ने यहीं से सांसद रह चुके दरोगा प्रसाद को टिकट दिया है।
फूलपुर सीट से भाजपा ने पूर्व सांसद रमाकांत यादव के बेटे अरूण कुमार यादव टिकट दिया है। तो सपा ने श्याम बहादुर ंिसंह यादव को मैदान में उतारा है।
5. कुशीनगर में 07 सीटें कुल प्रत्याशी 92
खड्डा विधान सभा सीट से सपा ने विजेंद्र पाल यादव(पूर्व सांसद बालेश्वर यादव के पुत्र) पर दांव लगाया है। भाजपा ने यहां से एक एनजीओ चलाने वाले को टिकट दिया है।
हाटा विधान सभा सीट से भाजपा पवन केडिया, कट्टर ंिहंदूवादी नेता के सहारे अपनी नैया पार लगाना चाहती है। पिछली बार केडिया निर्दलीय थे।
पडरौना से भाजपा के स्वामी प्रसाद मौर्या प्रत्याशी हैं। स्वामी यहां से पिछला चुनाव बसपा के चुनाव चिंह से जीते थे।
6.देवरिया में 07 सीटें कुल प्रत्याशी 91
रामपुर कारखाना विधान सभा सीट से सपा ने निर्वतमान विधायक गजाला लारी को पुनः टिकट दिया है।
पथरदेवा विधान सभा सीट पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही का मुकाबला सपा के शाकिर अली से है।शाही को तीन चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा हैं। शाकिर ने 2102 के विधानसभा चुनाव में शाही को हराया था। बसपा ने नीरज को चुनाव मैदान में उतारा है। देवरिया कंेद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का संसदीय क्षेत्र है।
रूद्रपुर विधान सभा सीट गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में गई है। ने यहां से अपने मौजूदा विधायक अखिलेश प्रतापः कांग्रेस को मैदान में उतारा है।
7. महाराजगंज में 05 सीटें कुल प्रत्याशी 56
नौतनवां विधान सभा सीट से पत्नी की हत्या को आरोपी अमनमणि त्रिपाठी निर्दलीय मैदान में है। अमन के पिता अमरमणि और पत्नी मधुमणि भी एक कवियत्री की हत्या के जुर्म में उम्र कैद काट रहे हैं।
49 सीटें और प्रत्याशी
गोरखपुर ग्रामीण-23, गोरखपुर शहर- 12, खजनी-10, चौरीचौरा-20
बांसगांव-8 कैम्पियरगंज-14, चिल्लूपार-9 पिपराइच-19 सहजवां- 12
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आजमगढ़ सदर- 7 सगड़ी- 16 लालगंज-8 गोपालपुर-11
मेंहनगर-10 दीदारगंज-13 मुबारकपुर-11
निजामाबाद-15 अतरौलिया-12 फूलपुर-13
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मऊ सदर-14 मधुबन-21 घोसी-15 मुहम्मदाबाद गोहना- 7
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बलिया नगर-14 फेफना-11 बेल्थरारोड-14 बांसडीह-18
बैरिया-17 सिकंदरपुर-11 रसड़ा-11
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कुशीनगर- 10 फाजिलनगर-15 रामकोला-11 हाटा-12
तमकुहीराज- 15 खड्डा- 15 पडरौना-14
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महाराजगंज-9 पनियरा-14 फरंेदा-12 सिसवा-11
नौतनवां-10
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देवरिया-15 रामपुर कारखाना-13 बहरज-14
पथरदेवा-14 भाटपाररानी-14 सलेमपुर-9
रूद्रपुर-12
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