29.7.17
28.7.17
27.7.17
एनडीटीवी में छंटनी का दौर जारी
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एनडीटीवी से हटाए जाने वाले मीडियाकर्मियों की संख्या 100 के पार हो गई
संजय सक्सेना का विश्लेषण : यूपी में राहुल, अखिलेश और माया मिलकर दे सकते हैं बीजेपी को मात!
संजय सक्सेना
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यूपी में बीजेपी की सियासी बेचैनी : अखिलेश, माया और राहुल मिल कर दे सकते हैं मात!
25.7.17
कवि अजितकुमार को संभावना की श्रद्धांजलि
चित्तौड़गढ़ । सुप्रसिद्ध हिंदी कवि और साहित्यकार अजितकुमार के निधन पर संभावना संस्थान ने शोक व्यक्त किया है। संस्थान की एक बैठक में अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने कहा कि पिछली पीढ़ी के बड़े हिंदी साहित्यकार का निधन दुखद है। अजितकुमार ऐसे लेखक थे जिन्हें बचपन में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा और सुमित्रानन्दन पंत जैसे महान लेखकों का सान्निध्य मिला था। डॉ कनक जैन ने कहा कि हिंदी जगत उन्हें डॉ हरिवंश राय बच्चन के सबसे योग्य शिष्य के रूप में भी जानता है।
24.7.17
चीनी सामान के प्रति हमारी भक्ति?
डॉ. मयंक चतुर्वेदी
इसे लालच की कौन सी पराकाष्ठा माना जाए ? कुछ समझ नहीं आता । चीनी सामान के प्रति हमारी भक्ति किस स्तर तक है, इसका एक बड़ा उदाहरण जबलपुर में बनी बोफोर्स तोप के स्वदेशी संस्करण धनुष में सीधेतौर पर देखने को मिला है। जिसमें कि देश के साथ सुरक्षा के स्तर पर भी कर्तव्यनिष्ठ स्वदेशवासियों ने गंभीरता से विचार नहीं किया। लालच की यह पराकाष्ठा निश्चित ही अशोभनीय और देशद्रोह जैसा कर्म तो है ही, किंतु इसके साथ यह इस विचार के लिए भी प्रेरित करता है कि आखिर हम भारतीयों को हो क्या गया है ? जिनके लिए जननी और जन्म भूमि स्वर्ग से भी महान रही है और है। (रावण के निधन के बाद श्रीराम लक्ष्मण से कहते हैं: अपि स्वर्णमयी लंका मे लक्ष्मण न रोचते, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी । वाल्मीकि व अध्यात्मरामायण में तो नहीं, किंतु अन्यत्र किसी अन्य रामायण में उल्लेखित)
इसे लालच की कौन सी पराकाष्ठा माना जाए ? कुछ समझ नहीं आता । चीनी सामान के प्रति हमारी भक्ति किस स्तर तक है, इसका एक बड़ा उदाहरण जबलपुर में बनी बोफोर्स तोप के स्वदेशी संस्करण धनुष में सीधेतौर पर देखने को मिला है। जिसमें कि देश के साथ सुरक्षा के स्तर पर भी कर्तव्यनिष्ठ स्वदेशवासियों ने गंभीरता से विचार नहीं किया। लालच की यह पराकाष्ठा निश्चित ही अशोभनीय और देशद्रोह जैसा कर्म तो है ही, किंतु इसके साथ यह इस विचार के लिए भी प्रेरित करता है कि आखिर हम भारतीयों को हो क्या गया है ? जिनके लिए जननी और जन्म भूमि स्वर्ग से भी महान रही है और है। (रावण के निधन के बाद श्रीराम लक्ष्मण से कहते हैं: अपि स्वर्णमयी लंका मे लक्ष्मण न रोचते, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी । वाल्मीकि व अध्यात्मरामायण में तो नहीं, किंतु अन्यत्र किसी अन्य रामायण में उल्लेखित)
23.7.17
हिमाचल प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्टस यूनियन गठित, निर्णायक जंग की तैयारी
मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड को लागू करवाने और प्रबंधन के उत्पीड़न के खिलाफ पिछले दिन वर्षों से लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र अग्रवाल के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में पहली बार पत्रकार एवं गैर-पत्रकार अखबार कर्मियों की यूनियन का गठन कर लिया गया है। हिमाचल के कई पत्रकार और गैरपत्रकार साथी इस यूनियन के सदस्य बन चुके हैं और अभी भी सदस्यता अभियान जारी है। एक जून को इस हिमाचल प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्टस यूनियन(एचपीडब्ल्यूजेयू) के नाम से गठित इस कर्मचारी यूनियन में पत्रकार और गैरपत्रकार दोनों ही श्रेणियों के अखबार कर्मियों को शामिल किया जाएगा। नियमित और संविदा/अनुबंध कर्मी भी यूनियन के सदस्य बन सकते हैं, बशर्ते इनका पेशा सिर्फ अखबार के कार्य से ही जुड़ा होना चाहिए।