मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड को लागू करवाने और प्रबंधन के उत्पीड़न के खिलाफ पिछले दिन वर्षों से लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र अग्रवाल के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में पहली बार पत्रकार एवं गैर-पत्रकार अखबार कर्मियों की यूनियन का गठन कर लिया गया है। हिमाचल के कई पत्रकार और गैरपत्रकार साथी इस यूनियन के सदस्य बन चुके हैं और अभी भी सदस्यता अभियान जारी है। एक जून को इस हिमाचल प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्टस यूनियन(एचपीडब्ल्यूजेयू) के नाम से गठित इस कर्मचारी यूनियन में पत्रकार और गैरपत्रकार दोनों ही श्रेणियों के अखबार कर्मियों को शामिल किया जाएगा। नियमित और संविदा/अनुबंध कर्मी भी यूनियन के सदस्य बन सकते हैं, बशर्ते इनका पेशा सिर्फ अखबार के कार्य से ही जुड़ा होना चाहिए।
इस यूनियन का प्रदेश अध्यक्ष सर्वसम्मति से रविंद्र अग्रवाल को बनाया गया है। महासचिव की जिम्मेवारी कपिल देव को दी गई है। अन्य पदाधिकारियों में मुरारी शर्मा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उदयवीर पठानिया व वासूदेव नंदन को उपाध्यक्ष, टीना ठाकुर व नवनीत बत्ता को सचिव और रामकेवल सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया है। इस यूनियन की संबद्धता इंडियन फैडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट़स(आईएफडब्ल्यूजे), नई दिल्ली से ली गई है। एचपीडब्ल्यूजे के अध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल व सचिव कपिल देवी ने एक संयुक्त बयान में बताया कि इस यूनियन के गठन का मकसद हिमाचल प्रदेश के श्रमजीवी पत्रकार और गैरपत्रकार अखबार कर्मियों को मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार वेतनमान व एरियर दिलवाने के साथ ही इनकी समस्याओं को सरकारी व कानूनी स्तर पर सुलझाना रहेगा। इन्होंने कहा कि मजीठिया वेजबोर्ड को लागू करवाने के लिए प्रदेश सरकार और श्रम विभाग अब तक ढुलमुल नीति अपनाए हुए हैं।
यूनियन जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, श्रम मंत्री मुकेश अग्निहत्री और श्रम विभाग के आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी को ज्ञापन भेज कर अखबार कर्मियों की चिंताओं से अवगत करवाएगी। साथ ही मजीठिया वेजबोर्ड की मांग करने वाले पत्रकारों के तबादलों और जबरन इस्तीफे लिए जाने की अखबार प्रबंधनों की कार्रवाई की भी यूनियन कड़े शब्दों में नींदा करती है। एचपीडब्ल्यूजे के अध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और रूख से एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि अखबार प्रबंधन अपने कर्मचयारियों को मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार वेतनमान और एरियर देने से नहीं बच सकते। भेले ही अब वे दबमनकारी नीतियों के चलते अखबार कर्मियों की आवाज को दबाए हुए हैं, मगर जल्द ही हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मी एचपीडब्ल्यूजेयू के बैनर तले एकत्रित होकर निर्णायक लड़ाई शुरू कर देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई किसी समाचार स्थापना में प्रबंधन विरोधी गतिविधियों से जुड़ी कतई नहीं होगी, बल्कि कानूनी तौर पर अखबार कर्मियों के संवैधानिक हकों हो प्राप्त करने के तौर पर होगी। इस संबंध में जल्द ही यूनियन की वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अखबार कर्मियों के हितों के लिए यूनियन कानूनी जंग लड़ने को तैयार है। इससे पहले प्रदेश सरकार और श्रम विभाग को वर्किंग जर्नलिस्टस एक्ट,1955 के प्रावधानों सहित मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड को लागू करवाने के लिए अनुरोध किया जाएगा, अगर अब भी प्रदेश सरकार और श्रम विभाग अखबार प्रबंधन के दबाव में आकर कार्रवाई से परहेज करते हैं तो इनके खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायल के आदेश लागू न करवाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रविंद्र अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के श्रमजीवी पत्रकार एवं गैर पत्रकार अखबार कर्मी मोबाइल नंबर 9418394382(wattsapp) या मेल आईडी hpwjunion@gmail.com पर अपनी समस्या या सुझाव भेज सकते हैं। रविंद्र अग्रवाल ने एचपीडब्ल्यूजेयू को संबद्धता देने के लिए आईएफडब्ल्यूजे के महासचिव एवं परमानंद पांडेय का आभार भी व्यक्त किया है।
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