29.9.17

लखनऊ के हर दिल अज़ीज़ वरिष्ठ समाजसेवी भैया जी नहीं रहे

रिजवान चंचल
मानवीय भावनाओं से लबालब हर दिल अज़ीज़ वरिष्ठ समाजसेवी और नगर निगम के पहले पार्षद रहे भैया जी अब हम सब के बीच नहीं रहे. उनका गुरुवार की रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया. कहना न होगा राजधानी लखनऊ ने  एक ऐसा कर्मठ जुझारू और सादगी पसंद वरिष्ठ समाजसेवी खो  दिया जिसके जाने की खबर  सुनते ही हजारों-हज़ार आँखे आंसुओं से भर गयीं. उनका सानिध्य मुझे भी बराबर मिलता रहता था.

बीते रात  जब उनके निधन की जानकारी मिली तो आँखें आंसुओं से भर आयीं. उनके साथ बीते हर पल हर कार्यक्रम आँखों के सामने द्र्श्यांकित होने लगे. वरिष्ठ समाजसेवी  राजेन्द्र नाथ श्रीवास्तव 'भैया जी' (87) पिछले कई दिनों से अस्वस्थ्य थे. उनका  सिविल अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा था. हाल ही में वरिष्ठ समाजसेवी भैया जी का हालचाल लेने राज्यपाल राम नाईक भी अस्पताल पहुंचे थे. भैया जी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी भी करीबी रहे.
 वो लखनऊ में 1959 से 1990 पार्षद भी रहे। वे सन 1955 में तत्कालीन राज्यपाल केएम मुंशी की प्रेरणा से लुइसफिशर के सम्पर्क में आये। उनका साक्षरता निकेतन की स्थापना कराने में भी  बड़ा योगदान रहा. परिवार के लोग बताते थे की बचपन से ही समाजसेवा की उनमे धुन थी. उन्होंने  आजादी की लड़ाइयों में भी हिस्सा लिया लेकिन कभी कोई दावा पेश नहीं किया. वे  पत्रकारों से भी बड़ा लगाव रखते थे. पत्रकारिता के क्षेत्र में भी वे विभिन्न संस्थानों से जुड़ रहे और भैया जी आजीवन अविवाहित रहे. उन्हें समाजसेवा की ऐसी धुन थी कि हर जगह लोगों की सेवा को तत्पर रहते थे. अस्पताल पहुंचकर लोगों की मदद करना तो उनकी दिनचर्या में शामिल था.  आम लोग उन्हें 'भैया जी' के रूप में ही जानते थे. वैसे उनका पूरा  नाम राजेन्द्र नाथ श्रीवास्तव था.  बदायूं जनपद में उनका जन्म हुआ था .भैया जी हम सब के दिलों में रचे बसे थे उनका अचानक चला जाना हम सबके दिलों को बेहद ग़मज़दा कर गया ..अश्रुपूरित नेत्रों के साथ भैया जी आपको  हम सबका जनजागरण मीडिया मंच के हर सदस्य का कोटिशः नमन.
रिजवान चंचल

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