14.9.17

हम भ्रष्टन के, भ्रष्ट हमारे

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्ट देशों की सूची में भारत शिखर पर : ट्रांस्पेरैसी इंटरनैशनल और फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट

श्यामसिंह रावत
जब से पता चला कि ट्रांस्पेरैसी इंटरनैशनल ने अपनी 'People and Corruption : Asia Pacific' रिपोर्ट में भारत को भ्रष्ट देशों की सूची में शीर्ष स्थान पर रखा है, तब से मुझे रवीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी 'इंस्पैक्टर' के उस जमींदार की याद रह-रह कर आ रही है जो प्रतिदिन सोते समय एक गिलास दूध पीने का अभ्यस्त था। उसे कुछ दिनों बाद जब दूध पतला महसूस हुआ तो उसने अपने ग्वाले के ऊपर एक इंस्पैक्टर रख दिया। अब उसे पहले से भी अधिक पतला दूध मिलने लगा। परेशान जमींदार ने स्थिति संभालने के लिए एक सुपरिंटेंडेंट रख दिया। अब उसे शुद्ध पानी दिया जाने लगा। एक रात जब वह सो गया तो उसकी मूछों पर दूध की मलाई लगा दी गई। प्रातः उठने पर उसने सेवक से पूछा कि कल रात्रि तुमने मुझे दूध क्यों नहीं पिलाया? तो सबने एकस्वर से कहा--"हुजूर रात आपने खूब मलाईदार दूध पीया था। विश्वास नहीं होता तो इस शीशे में आपकी मूंछों पर अभी तक लगी मलाई देख लीजिए।"


मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के कुछ ही दिनों के भीतर नाजी जर्मनी के तानाशाह हिटलर के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए मुख्यधारा के मीडिया का गला घोट डाला था। इससे यह तभी समझ आ गया था कि सरकार की मंशा अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालना है। अन्यथा अभिव्यक्ति की आजादी के संवैधानिक अधिकार को यों न दबाया जाता। गलत-सही रास्तों से तिजौरी भरने के खेल में मिशन से व्यवसाय बन चुके देश के मुख्यधारा के मीडिया से सरकार ने घुटने टेकने को कहा लेकिन वह उसके आगे साष्टांग दंडवत लेट गया। इससे भी सरकार अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल नहीं रही, क्योंकि शोसल मीडिया सरकार की विभिन्न मोर्चों पर असफलता को बराबर उजागर करता रहा है।

इस बीच भाजपा की केन्द्र तथा तमाम प्रदेश सरकारों के भारी भ्रष्टाचार की खबरें लगातार आती रहीं जिसे सत्ताबल से सरकार ने दबा कर 'ऑल इज वैल' दिखाने की भरसक कोशिश की। लेकिन इतिहास साक्षी है कि सच किसी के दबाये दबता ही नहीं, चाहे कोई उसे दबाने को अपनी पूरी ताकत ही क्यों न लगा दे, क्योंकि सच की ताकत से बढ़कर कोई शक्तिशाली हो ही नहीं सकता। मोदी की केन्द्र सरकार और भाजपाई प्रदेश सरकारों के भ्रष्टाचार को कोई कब तक दबा सकता था भला। ट्रांस्पेरैसी इंटरनैशनल और फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि देश में भ्रष्टाचार के मामले और उसके भुक्तभोगियों की संख्या मनमोहन सरकार की तुलना में लगातार इस स्तर तक बढ़ती गई कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक भ्रष्ट देशों की सूची में भारत शिखर पर पहुच गया है। 

अब संघ, भाजपा और उसकी सरकारें ट्रांस्पेरैसी इंटरनैशनल और फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट को गलत साबित करने के लिए उस जमींदार के नौकरों की तरह जनता के बीच इन रिपोर्ट्स को झूठा साबित करने में लग जायेंगे। उन्हें यकीन है कि इस काम में वे अकेले नहीं रहेंगे, उनके पीछे पंचकूला की बौराई भीड़ की तरह के विवेकहीन लठैतों के हरावल दस्ते लोगों के गले 'ऑल इज वैल' का सफेद झूठ उतारने को बेताब हैं।

जब से साधू वेषधारी कॉर्पोरेट रामकृष्ण यादव उर्फ रामदेव और संघ ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का नाम लिया मैं तभी से कहता/लिखता आया हूँ कि नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना देश के लिए सब प्रकार से दुर्भाग्यपूर्ण होगा। क्योंकि मोदी किसी भी तरह देश को नेतृत्व देने के काबिल नहीं हैं। वे सिर्फ हवाबाजी में अब्बल हैं। जिसके बल पर उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व-काल में देश केे डेवलैपमेंट इंडैक्स में 13वें स्थान पर होने के बावजूद धुआँधार झूठे प्रचार के सहारे गुजरात को देश में विकास का ‘मॉडल राज्य’ बनवा दिया। यह सब ‘वाइब्रेंट गुजरात’ और अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टार को करोड़ों रुपए देकर ब्रांड एंबेसैडर बनाने की मार्केटिंग स्ट्रेटैजी के तहत गुजरात को ‘स्वर्ण प्रदेश’ प्रचारित करने की कोरी लफ्फाजी से हुआ।

वैसे भी पुरानी कहावत है--'थोथा चना बाजे घना'। जिस तरह भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस के विरुद्ध जबर्दस्त अभियान चलाया था, उससे उसे सत्ता तो मिल गई लेकिन देश किन हालात में पहुँच गया, यह अब ट्रांस्पेरैसी इंटरनैशनल और फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट ने साबित कर दिया है। इसके अनुसार भारत का एशिया-प्रशांत क्षेत्र के भ्रष्ट देशों की सूची में शीर्ष स्थान पर आना बिल्कुल भी अप्रत्याशित नहीं है, इसकी सम्भावना पहले से ही थी। झूठ को सच और सच को झूठ साबित करने की कला उन्हें संघ का स्वयं सेवक होने के नाते घुट्टी में जो पिलाई गई है।

श्यामसिंह रावत
वरिष्ठ पत्रकार
देहरादून

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