भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
21.10.17
स्पोर्ट्स फ़्लैशेज़ में न टाइम पर सैलरी आती थी और न ही लोग प्रोफ़शनल थे, लिहाज़ा मैंने अलविदा कह दिया
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