12.11.17

राहुल के कारण झुकी मोदी सरकार

-फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गुजरात दौरे से केंद्र की भाजपा सरकार में हड़कंप मचा हुआ है. जीएसटी में बदलाव इसकी ताज़ा मिसाल है. पिछले दिनों राहुल गांधी ने गुजरात में जीएसटी के मौजूदा स्वरूप में बदलाव करने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी में बड़े बदलाव किए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने पर हम ऐसा जीएसटी लेकर आएंगे, जिससे आपको फ़ायदा होगा. आप के मुताबिक़ हम काम करेंगे. हम आपकी बात को सुनेंगे.


राहुल गांधी के इस बयान के बाद केंद्र की भाजपा सरकार में खलबली मच गई और सरकार को जीएसटी में बदलाव करना पड़ा. गुवाहाटी में शुक्रवार को संपन्न जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स में राहत देने का ऐलान किया. इसके तहत रोज़मर्रा की 178 वस्तुओं को 28 फ़ीसद से हटाकर 18 फ़ीसद की स्लैब में लाया गया है. कुल 200 वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है. अब सिर्फ़ 50 लग्ज़री चीज़ें ऐसी बची हैं, जिन पर अधिकतम 28 फ़ीसद कर लगेगा. ग़ौरतलब है कि पिछली 1 जुलाई से देश में लागू नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली (जीएसटी) में कर की पांच स्लैब-0, 5, 12, 18 और 28 फ़ीसद हैं.

जीएसटी में बदलाव पर पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि गुवाहाटी बैठक में ’राहतों की बारिश’ होनी ही थी, क्योंकि ’ख़ौफ़ज़दा मोदी सरकार’ के पास इसके सिवा कोई और चारा नहीं था. सरकार अगले माह होने वाले गुजरात चुनाव की वजह से टैक्स घटाने को मजबूर हुई है.

जीएसटी में संशोधन के फ़ौरन बाद राहुल गांधी ने फिर से भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताते हुए कहा कि हम इसे किसी भी सूरत में देश पर थोपने नहीं देंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने भाजपा सरकार को कई नसीहतें दीं. उन्होंने जीएसटी को और आसान बनाने के लिए सरकार को तीन मश्विरे भी दिए. पहला, जीएसटी ढांचे के बुनियादी ख़ामी को दूर करते हुए भारत को ‘जेन्यूइन सिंपल टैक्स’ दें. दूसरा, सिर्फ़ लच्छेदार बातों से देश का वक़्त बर्बाद न करें. और तीसरे मश्विरे में राहुल गांधी ने मोदी का नाम लिए बिना कहा कि आप अपनी अक्षमता स्वीकार करें. अहंकार ख़त्म कर देश के लोगों की बात सुनें. जीएसटी पर राहुल गांधी का कहना है कि जीएसटी में एक रेट और इसे सिम्पल टैक्स बनाया जाए. देश को पांच तरह का नहीं, बल्कि एक टैक्स चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी ने लोगों के काम-धंधे बर्बाद कर दिए, गुजरात ही नहीं, पूरे देश का यही हाल है.

राहुल गांधी इन दिनों गुजरात के दौरे पर हैं. उनका यह दौरा नवसर्जन गुजरात यात्रा के तहत हो रहा है, जो 13 नवंबर को महेसाणा के विसनगर में ख़त्म होगा. क़ाबिले-ग़ौर है कि यह वही जगह है, जहां जुलाई 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जिसने केंद्र की भाजपा सरकार को हिलाकर रख दिया था. इससे पहले राहुल गांधी 25 से 27 सितंबर तक सौराष्ट्र के पांच ज़िलों की यात्रा कर चुके हैं. उनकी यात्रा द्वारका के मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद 25 सितंबर को शुरू हुई थी. फिर 9 से 11 अक्टूबर तक मध्य गुजरात के छह ज़िलों में उन्होंने जनसंपर्क किया. 23 अक्टूबर को वे अहमदाबाद में रहे. उसके बाद उन्होंने 1 से 3 नवंबर तक दक्षिण गुजरात के छह ज़िलों का दौरा कर अवाम की समस्याएं सुनीं और कारोबारियों से मुलाक़ात की. गुरुवार को उन्होंने सूरत में टेक्टटाइल, डाई और ज़री का करने वाली महिलाओं से मुलाक़ात की और उनके काम, उनकी समस्याओं के बारे में बात की.

सनद रहे कि गुजरात की 182 विधानसभा सीटों के लिए इस बार दो चरणों में चुनाव होगा. राज्य में 9 और14 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि चुनाव नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे. यहां अहम मुक़ाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में है, जो 19 साल से लगातार सत्ता पर क़ाबिज़ है. बहरहाल, गुजरात में राहुल गांधी को ख़ासा जन समर्थन मिल रहा है. उनकी सभाओं में लोगों का हुजूम जुटा रहता है. राहुल गांधी अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना लोगों से मिल रहे हैं, उनके बीच जा रहे हैं. उनके सुख-दुख बांट रहे हैं. उनकी मेहनत कितना रंग लाती है, ये तो चुनाव के बाद पता चलेगा, लेकिन इतना ज़रूर है कि केंद्र की भाजपा सरकार राहुल गांधी से ख़ौफ़ज़दा नज़र आ रही है और उसके मंत्री राहुल गांधी के सवालों के जवाब तलाशने में दिन-रात जुटे हुए हैं.

(लेखिका फ़िरदौस ख़ान स्टार न्यूज़ एजेंसी में संपादक हैं)
ईमेल : editor.starnewsagency@gmail.com

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