हरदोई में पत्रकारों द्वारा किस तरह प्रशासनिक अधिकारीयों की चाटुकारिता की जा रही है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है की 18 दिन पहले यानी 12 जुलाई को जिस खबर को सारे ही दैनिक अख़बार प्रकाशित कर चुके हैं उस ख़बर को 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश की टीआरपी की कतार में मौजूद समाचार प्लस नामक चैनल चलाता है.
ख़बर चलाये जाने के पीछे मक्खनबाजी का मतलब साफ है और किसी निजी स्वार्थ का लालच है लेकिन टीआरपी वाले इस चैनल में 18 दिन पुरानी खबर किस तरह चल गयी, ये ज़रूर चर्चा का विषय है. इनपुट से लेकर आउटपुट तक क्या सब झक मारते रहे?
गौरतलब हो कि दिंनाक 12 जुलाई 2018 को हरदोई के डीएम पुलकित खरे और शाहबाद से बीजेपी विधायक रजनी तिवारी ने जिले के सरकारी अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन का उदघाटन किया था जिसकी खबरें अखबारों में प्रकाशित हुई व चैनलों पर प्रसारित हुई थीं., लेकिन 18 दिन बाद इस सिटी स्कैन मशीन की याद दोबारा से समाचार प्लस चैनल को क्यों आ गयी, ये बात अभी तक चर्चा विषय बनी है.
इस समाचार को चाटुकारिता समझा गया. समाचार प्लस प्रबंधन पर समाचार दिखाए जाने के बाद सवाल ज़रूर उठ रहे कि 18 दिन पुराने समाचार को किस लिए प्रसारित किया गया.
इस बाबत कुछ लोगों का कहना है कि...
समाचार प्लस पर चली ख़बर सरकारी advt के तौर पर चली है, जिसमें यूपी सरकार का विज्ञापन है और ये टॉप-15 के फ़ॉर्मैट में बनाकर चैनल को दिया गया है.... वो 18 दिन पुरानी ख़बर नहीं बल्कि एक सरकारी विज्ञापन है....हाँ स्क्रीन पर ADVT ज़रूर लिखना चाहिए था.
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