23.2.20

अमेरिकन राष्ट्राध्यक्षों पहली की पंसद है ताजमहल

अजय कुमार, लखनऊ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहचान इतनी भर नहीं है कि वह अमेकिरा के राष्ट्रपति हैं। आज भले ही वह राष्ट्रपति के तौर पर जाने जाते हों,लेकिन वह एक बड़े उद्यमी भी हैं। उनका कारोबार कई देशों में फैला है। मुम्बई के रीयल स्टेट में उनकी जड़े जमी है। टंªप का जीवन वैभवता से परिपूर्ण है तो ट्रंप हर खूबसूरत चीज से प्यार करते हैं। कई अमेरिकन फिल्मों में भी वह अपनी अदाकारी का जलवा दिखा चुके हैं।
24 फरवरी को भले टंªप ताजमहल का दीदार करने आ रहे हों, लेकिन वह ताजमहल से ढाई दशक पहले तब ही जुड़ गए थे जब 26 साल पहले ट्रंप ने ताजमहल नाम का कैसिनो खोला था, जिसे उन्होंने दुनिया का ‘आठवां अजूबा’ बताया था. लेकिन ट्रंप के दोस्त और उनके पार्टनर कार्ल आईकान ने इसे बंद कर दिया था। लब्बोलुआब यह है कि तमाम पूरी दुनिया में अपना सिक्का जमाने वाले अमेरिकन राष्ट्राध्यक्षों की पहली पंसद हमेशा ताजमहल ही रही है। खैर, ताजमहल की खूबसूरती सिर्फ टंªप को ही आगरा नहीं खिंच लाई है। इससे पूर्व भी कई देशों के राष्ट्रध्यक्ष ताजमहल की खूबसूरती देखने  आगरा आ चुके हैं।

यूनेस्को से विश्व विरासत का दर्जा प्राप्त ताजमहल भारत की ऐसी ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे देखने के लिए दुनियाभर से तमाम बड़ी हस्तियां आगरा आ चुकी हैं। इन हस्तियों में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और ब्रिटेन के प्रिंस विलियम आदि के नाम शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश (सीनियर बुश) ने जब ताज को देखा तो उसकी सुंदरता में खो गए थे. उनके साथ में उनकी पत्नी भी थीं. अपनी भारत यात्रा के दौरान 13 मार्च 1984 को सीनियर बुश अपनी पत्नी के साथ ताजमहल को देखने पहुंचे थे.

साल 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा भी ताजमहल का दीदार करना चाहते थे. लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से ताज को देख नहीं सके थे. वे अपनी पत्नी के साथ साल 2015 में भारत आए थे. इस दौरान उनकी आगरा यात्रा तय थी, लेकिन सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला के निधन के चलते उन्हें बीच में ही अपनी यात्रा समाप्त कर लौटना पड़ा था.

अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी खुद को ताज देखने से रोक नही पाए थे. साल 2000 में बिल क्लिंटन ताज महल देखने आए थे, उसके बाद उन्होंने ताज की तारीफ में कहा था कि आज मुझे एहसास हुआ कि इस दुनिया में दो तरह के लोग हैं. एक वो जिन्होनें ताज देखा है और दूसरे वो जिन्होंने ताज नहीं देखा. इस दुनिया में ताज से खूबसूरत इमारतें हो सकती हैं, लेकिन उनमें से कोई ताज नहीं.

फ्रांस ने राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों मार्च 2018 में अपनी पत्नी ब्रिगिट के साथ यहां पहुंचे. माक्रों की उम्र 40 वर्ष है और उनकी पत्नी की 64. मोहब्बत की इस निशानी के सामने दोनों को एक दूसरे के साथ प्यार भरे पल बिताते हुए देखा गया. इससे पूर्व 2008 में जब फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति निकोला सरकोजी भारत यात्रा पर पहुंचे, तब कार्ला ब्रूनी भी उनके साथ थीं. लेकिन क्योंकि तब तक दोनों की शादी नहीं हुई थी, तो किसी भी औपचारिक कार्यक्रम में वे साथ नहीं जा सकते थे. सरकोजी ने तब बेंच पर बैठ कर अकेले तस्वीर नहीं खिंचवाई थी।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साल 2000 में अपनी पत्नी लुडमीला के साथ ताजमहल पहुंचे थे। इसी प्रकार 2 अप्रैल 2002 को तुर्की के पूर्व प्रधानमंत्री बुलेंट एसेविट और उनकी पत्नी रहसन, ताजमहल के सामने तस्वीरें क्लिक करवाते हुए देखे गए थे. 1992 में राजकुमारी डायना अकेली ही ताजमहल पहुंचीं. प्रिंस चार्ल्स के साथ ना होने पर जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, अच्छा होता अगर वो भी यहां होते.

ट्रंप के आगरा दौरे से पर्यटन उद्यमी उत्साहित

उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे बसपा आगरा शहर दो वजहों से पूरी दुनिया में मशहूर है। एक है आगरा का पेठा और दूसरा दुनिया के सात अजूबों में से एक विश्व प्रसिद्ध ताजमहल। सफेद संगमरमर पर बेहतरीन नक्काशी करके तैयार किया गया ताजमहल वैसे तो एक कब्र है,लेकिन इसे कब्र से अधिक मोहब्बत की निशानी के रूप में भी देखा जाता है। आम हिन्दुस्तानी हो या फिर विदेशी पयर्टक सभी अपने जीवन मे कम से कम एक बार ताजमहल का दीदार करना जरूर चाहता है। खासकर अमेरिकन को ताज का दीदार कुछ ज्यादा ही सुहाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहॉवर हों या बिल क्लिंटन, जब भी अमेरिकी राष्ट्रपति ताजमहल के दीदार के लिए आए, उनकी यात्रा के बाद अमेरिका के सैलानियों की संख्या ताजमहल पर बढ़ी है। यही वजह है कि ताजमहल पर दुनिया भर से आने वाले सैलानियों की संख्या में अमेरिकी पर्यटक पहले नंबर पर हैं। ब्रिटिश सैलानियों की संख्या दूसरे पर और चीन के सैलानी ताज के दीदार में तीसरे नंबर पर हैं। पर्यटन उद्यमियों को उम्मीद है कि 24  फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के बाद अमेरिका से आने वाले सैलानियों की संख्या में बंपर उछाल आ सकता है।

एक तरफ ट्रंप परिवार ताजमहल का दीदार करने को उत्सुक नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ आगरा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन को यादगार बनाने की यूपी की योगी सरकार ने भी अपनी पूरी ताकत झांेक दी है। 24 फरवरी को डोनाल्ड ट्रंप का प्रथम आगरा आगमन है। वह अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के ताज का दीदार करेंगे। उनके स्वागत के लिए आगरा को मनमोहक पेंटिग्स के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी व अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के होर्डिंग्स से पाट दिया गया है। ताजमहल को लेकर टंªप परिवार की उत्सुकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी बेटी और पत्नी भी ताजमहल देखने साथ-साथ आ रही हैं,जबकि इससे पहले कभी भी दोनों को किसी विदेश दौरे पर साथ-साथ नहीं देखा गया था।

आगरा की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके स्वागत के लिए सड़कों और भवनों को रंगरोगन करके सजाया गया है। टंªप के यात्रा वाले रास्तें एक साइज के बोर्ड लगे हैं। दीवारों पर पंेंटिंग्स की गई हैं। यह कार्य कल(शुक्रवार) तक चला। आज यूएस सीक्रेट सर्विस की दूसरी टीम आगरा पहुंच गई है। इसखेरिया एयरपोर्ट से होटल अमर विलास तक कई स्थलों पर बेहतरीन पेंटिंग की गई है। कहीं नमस्ते ट्रंप लिखा है तो कहीं पर जय  श्रीकृष्ण ट्रंप, कहीं मोदी और ट्रंप की दोस्ती को दिखाती पेंटिंग बनाई है।  खेरिया हवाई अड्डे पर एयरफोर्स वन विमान से उतरने के बाद ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया के साथ सड़क मार्ग से होटल अमर विलास तक जाएंगे। इस बीच सड़क पर स्कूली बच्चे अमेरिका और भारत का झंडा लेकर उनके स्वागत को खड़े होंगे। इसके साथ ही शहर 20 चैराहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इन चैराहों पर अलग-अलग अधिकारी अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।

गौरतलब हो, भारत के दौरे पर पहली बार पत्नी मेलानिया ट्रंप  के साथ आ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अहमदाबाद के बाद 24 फरवरी की शाम को आगरा पहुंचेंगे। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी मेलानिया, पुत्री इवांका के अलावा दामाद व विशेष सलाहकार जारेड कुशनर भी भारत यात्रा पर रहेंगे। ट्रंप की  आगरा यात्रा के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ताज में एक सप्ताह से निरंतर काम कराए जा रहे हैं। इसमें मुख्य मकबरे, फव्वारों के किनारे बने पाथवे, वीडियो प्लेटफार्म की सफाई की जा चुकी है। वाटर चैनल को भी साफ कर उनमें हल्के नीले रंग का पेंट किया गया है। एएसआइ की रसायन शाखा ने रॉयल गेट की दीवारों की साइंटिफिक क्लीनिंग कराई है। 

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